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डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी बोले - अब भारत ‘India-First’ से बढ़कर बनेगा ‘India-for-the-World’

डिजिटल इंडिया के 10 साल पूरे: पीएम मोदी बोले - अब भारत ‘India-First’ से बढ़कर बनेगा ‘India-for-the-World’

नई दिल्ली: भारत के महत्वाकांक्षी डिजिटल इंडिया (Digital India) कार्यक्रम को 10 वर्ष पूरे हो चुके हैं और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को एक बड़ा संदेश दिया है। पीएम मोदी ने कहा कि यह दशक भारत के लिए और भी ज्यादा परिवर्तनकारी साबित होगा क्योंकि देश अब ‘डिजिटल शासन’ से ‘ग्लोबल डिजिटल लीडरशिप’ की ओर तेजी से अग्रसर हो रहा है।

प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स और लिंक्डइन पर पोस्ट करते हुए लिखा, “आज एक ऐतिहासिक दिन है क्योंकि हम डिजिटल इंडिया के 10 वर्ष मना रहे हैं। दस साल पहले इसकी शुरुआत एक मिशन के रूप में हुई थी, जिसका उद्देश्य भारत को डिजिटल रूप से सशक्त और तकनीकी रूप से अग्रणी समाज बनाना था। आज यह सिर्फ एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बन चुका है।”

 

India-For-The-World की ओर भारत का कदम

प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाला दशक ऐसा होगा जब भारत केवल India-First की सोच तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि India-for-the-World की भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया का भरोसेमंद इनोवेशन पार्टनर बन चुका है और इनोवेटर्स, उद्यमियों तथा तकनीक के क्षेत्र में काम करने वालों के लिए वैश्विक उम्मीद का केंद्र बन गया है।

 

उन्होंने लिखा कि दशकों तक भारत की तकनीकी क्षमता पर संदेह किया गया, लेकिन अब भारत उस सोच को बदल चुका है। पहले यह धारणा थी कि तकनीक अमीर और गरीब के बीच की खाई को बढ़ाएगी, लेकिन हमने तकनीक का उपयोग कर उस खाई को पाटने का काम किया है।

 

डिजिटल बदलाव से देश को मिली नई पहचान

प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 में देश में जहां सिर्फ 25 करोड़ इंटरनेट कनेक्शन थे, वहीं अब इनकी संख्या 97 करोड़ से अधिक हो गई है। देशभर में 42 लाख किलोमीटर से अधिक ऑप्टिकल फाइबर बिछाई जा चुकी है, जिससे सुदूर गांवों को भी जोड़ा जा सका है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में 5जी की शुरुआत दुनिया में सबसे तेज गति से हुई है। महज दो साल में 4.81 लाख 5G बेस स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं।

 

उन्होंने बताया कि हाई-स्पीड इंटरनेट अब न सिर्फ शहरों में बल्कि सियाचिन, गलवान और लद्दाख की अग्रिम सैन्य चौकियों तक भी पहुंच चुका है।

 

UPI और DBT से बना डिजिटल ट्रस्ट

प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया (Digital India) के तहत India Stack के योगदान को रेखांकित किया, जिससे यूपीआई (UPI) जैसे अत्याधुनिक पेमेंट सिस्टम को सशक्त किया गया। उन्होंने बताया कि आज भारत में हर साल 100 अरब से ज्यादा डिजिटल ट्रांजैक्शन हो रहे हैं और दुनिया के सभी रियल टाइम डिजिटल लेनदेन में आधे अकेले भारत में हो रहे हैं।

इसके अलावा, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के जरिये 44 लाख करोड़ रुपये सीधे नागरिकों के खातों में ट्रांसफर किए गए हैं, जिससे बिचौलियों को हटाने में मदद मिली और 3.48 लाख करोड़ की लीकेज को रोका गया है।

 

संपत्ति अधिकार से लेकर डिजिटल कॉमर्स तक पहुंच

स्वामित्व योजना के तहत अब तक 2.4 करोड़ संपत्ति कार्ड जारी किए जा चुके हैं और 6.47 लाख गांवों का मानचित्रण हुआ है। वहीं ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) के जरिए छोटे कारोबारियों और MSME सेक्टर को एक बड़ा डिजिटल मार्केट मिला है। पीएम मोदी ने कहा कि गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस अब आम नागरिक को भी सरकारी विभागों को सामान और सेवाएं बेचने का प्लेटफॉर्म देता है, जिससे एक पारदर्शी व्यवस्था बनी है।

 

डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में भारत का वैश्विक नेतृत्व

पीएम मोदी ने आधार, कोविन, डिजिलॉकर, फास्टैग, पीएम-वाणी और वन नेशन वन सब्सक्रिप्शन जैसी पहल को भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर का उदाहरण बताते हुए कहा कि अब ये मॉडल पूरी दुनिया अपना रही है। कोविन प्लेटफॉर्म ने 220 करोड़ वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट जारी कर विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान को सफल बनाया। 

 

डिजिलॉकर पर अब तक 54 करोड़ यूजर्स हैं और 775 करोड़ दस्तावेज सुरक्षित तरीके से स्टोर किए जा चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि G20 अध्यक्षता के दौरान भारत ने ग्लोबल डीपीआई रिपॉजिटरी और 25 मिलियन डॉलर का सोशल इम्पैक्ट फंड लॉन्च किया, जिससे दक्षिण एशिया और अफ्रीका के देशों को लाभ मिलेगा।

 

AI और स्टार्टअप इकोसिस्टम में भारत की मजबूती

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत में आज 1.8 लाख से अधिक स्टार्टअप्स हैं, जिससे देश अब दुनिया के शीर्ष तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम में शामिल हो चुका है। यह सिर्फ स्टार्टअप का विकास नहीं, बल्कि तकनीकी पुनर्जागरण (Tech Renaissance) का प्रतीक है।India AI मिशन के तहत भारत ने वैश्विक स्तर पर सस्ती दरों पर 34,000 GPU उपलब्ध कराए हैं, जिससे देश न केवल सबसे सस्ती इंटरनेट अर्थव्यवस्था बना है बल्कि सबसे सस्ता कंप्यूटिंग डेस्टिनेशन भी।

 

अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब ह्यूमैनिटी-फर्स्ट AI की अवधारणा को अपनाकर विश्व में एक नैतिक तकनीकी नेतृत्व स्थापित कर रहा है।

 

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