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Tiger Man of India:

Tiger Man of India: "बाघों के मसीहा वाल्मीकि थापर का 73 की वर्ष में हुआ निधन

भारत के प्रसिद्ध वन्यजीव संरक्षणवादी वाल्मीकि थापर (Valmik Thapar) का 73 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे कैंसर से जूझ रहे थे और शनिवार सुबह अपने दिल्ली स्थित घर पर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार शनिवार दोपहर 3:30 बजे दिल्ली के लोधी श्मशान घाट पर किया गया। उन्होंने अपने जीवन के पांच दशकों से भी अधिक समय को बाघों के संरक्षण के लिए समर्पित किया। विशेष रूप से रणथंभौर (Ranthambhore) राष्ट्रीय उद्यान में उनका योगदान अतुलनीय रहा, जिसके कारण उन्हें "टाइगर मैन ऑफ इंडिया (Tiger Man of India)" भी कहा जाता है।

 

वाल्मीकि थापर (Valmik Thapar) प्रसिद्ध पत्रकार रोमेश थापर के बेटे और इतिहासकार रोमिला थापर के भाई थे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से समाजशास्त्र में स्वर्ण पदक के साथ स्नातक किया। उनकी पत्नी थिएटर कलाकार संजना कपूर हैं, जो अभिनेता शशि कपूर की बेटी हैं। वन्यजीव संरक्षण में उन्हें दिशा उनके मार्गदर्शक फतेह सिंह राठौर ने दी, जो प्रोजेक्ट टाइगर के मुख्य सदस्य थे।

 

"टाइगर मैन ऑफ इंडिया (Tiger Man of India)" के नाम से मशहूर वाल्मीकि थापर ने 30 से अधिक पुस्तकें लिखीं और संपादित कीं, जिनमें 'लैंड ऑफ द टाइगर' और 'टाइगर फायर' जैसी चर्चित कृतियाँ शामिल हैं। उन्होंने BBC की डॉक्यूमेंट्री 'Land of the Tiger' में भारतीय उपमहाद्वीप की जैव विविधता को दुनिया के सामने प्रस्तुत किया। 2024 में वे डॉक्यूमेंट्री 'My Tiger Family' में रणथंभौर (Ranthambhore) में बिताए 50 वर्षों के अनुभव साझा करते नजर आए।

 

वे प्रोजेक्ट चीता के भी आलोचक थे और मानते थे कि भारत में अफ्रीकी चीतों को बसाना व्यावहारिक नहीं है। उन्होंने चेताया कि भारत में इसके लिए उपयुक्त पर्यावरण, शिकार या विशेषज्ञता नहीं है। उनका निधन वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक अपूरणीय क्षति है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करे- The India Moves

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