
कम उम्र में कार्डियक अरेस्ट का खतरा क्यों बढ़ रहा है? जानिए कारण और बचाव
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Manjushree
- June 28, 2025
कार्डियक अरेस्ट के मामले में, शुरुआती 10 मिनट में दी गई मदद से मरीज को बचाया जा सकता है
मॉडल और अभिनेत्री शेफाली जरीवाला (Shefali Jariwala) का रात में निधन हो गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 27 जून की रात उन्हें कार्डियक अरेस्ट आया, जिससे उनकी मौत हो गई। उनकी निधन की ख़बर से मनोरंजन इंडस्ट्री और फैंस के बीच शोक की लहर छा गई। भारत में दिल से जुड़ी बिमारियां हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट कुछ सालों में तेजी से बढ़े हैं। बुर्जगों के आलावा, अब युवा वर्ग और बच्चे भी कार्डियक अरेस्ट के शिकार हो रहे हैं।
कार्डियक अरेस्ट क्या है ?
कार्डियक अरेस्ट एक गंभीर और जानलेवा स्थिति है। जिसमें दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है। जब ऐसा होता है, तो मस्तिष्क और शरीर के बाकी हिस्सों में रक्त का प्रवाह भी रुक जाता है। अगर कुछ मिनटों के भीतर इसका इलाज नहीं किया जाता है, यह कुछ ही मिनटों में मृत्यु का कारण बन सकता है। यह दिल की बीमारी से अलग है, लेकिन कई बार हृदय रोग इसका मुख्य कारण बनते हैं।
कार्डियक अरेस्ट के लक्षण
कार्डियक अरेस्ट की स्थिति में सामान्य तौर पर निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव हो सकता है जैसे अचानक मृत्यु, पल्स का न चलना, सांस न आना, होश में न रहना। यह कार्डियक के कुछ मुख्य लक्षण है। इसके अतिरिक्त अन्य लक्षण भी होते हैं, जो इस स्थिति की तरफ संकेत कर सकते हैं जैसे - सीने में बेचैनी और सांस लेने में कठिनाई, कमजोरी आना, दिल का तेज धड़कना, या फड़फड़ाना।
कम उम्र में क्यों हो रहें कार्डियक अरेस्ट
इसका कारण जेनेटिक्स भी हो सकते हैं। अगर माता-पिता को 50 साल से कम उम्र में हुआ हो। कार्डियोमायोपैथी, किसी बीमारी के लिए ली जा रही दवाएं, सिगरेट, शराब और नशे के सेवन, अत्यधिक तनाव, देर रात तक काम, नींद की कमी से भी कार्डियक अरेस्ट का रिस्क रहता है।
कार्डियक अरेस्ट में सीपीआर जरुरी
कार्डियक अरेस्ट आपातकालीन स्थिति है जिसमें हृदय शरीर में रक्त पंप करना बंद कर देता है, जिससे व्यक्ति बेहोश हो जाता है और सांस लेना बंद हो सकता है। सीपीआर, या कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन, इस स्थिति में तुरंत किया जाने वाला एक जीवन रक्षक उपाय है, जो शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है, जब तक कि चिकित्सा सहायता उपलब्ध न हो। कार्डियक अरेस्ट में, हृदय शरीर में रक्त पंप करना बंद कर देता है, जिससे मस्तिष्क और अन्य अंगों को ऑक्सीजन की आपूर्ति रुक जाती है। सीपीआर, छाती को दबाकर और कृत्रिम सांस देकर, शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त के प्रवाह को बनाए रखने में मदद करता है, जिससे मस्तिष्क और अन्य अंगों को नुकसान होने से बचाया जा सकता है।
डाइट को लेकर रहें अलर्ट
नियमित स्वास्थ्यवर्धक आहार लें, जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फ्रेश जूस का सेवन करें। पैक्ड प्रोडक्ट से बचें। नियमित अंकुरित सलाद और पत्तेदार सब्जियों को शामिल करें। फाइबर युक्त आहार को ज्यादा लें। तेल-घी धीरे-धीरे भोजन में काम करें। नियमित सूक्ष्म 30 मिनट व्यायाम करें। नियमित 10 मिनट चलने की आदत डालें। धूम्रपान और शराब से परहेज करें। धूम्रपान और शराब का सेवन हृदय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। वजन कंट्रोल रखें। अधिक वजन या मोटापा हृदय रोग के खतरे को बढ़ाता है।
तनाव को करें कम
आज की भागदौड़ में हर कोई किसी न किसी वजह से तनाव में रहता है, तनाव चाहे काम को लेकर हो या फिर पारिवारिक। कार्डियक अरेस्ट में तनाव भी मुख्य कारण हो सकता है। तनाव को दूर करने करने के लिए मेडिटेशन का सहारा लेना चाहिए। मेडिटेशन से आप तनावमुक्त रहेंगे। जिससे नियमित प्रातः और रात में सोने से पहले करना चाहिए।
भारत में हर साल लगभग 7 लाख लोग कार्डियक अरेस्ट से मरते हैं। यह आंकड़ा कुल मौतों का लगभग 10% है। अचानक कार्डियक अरेस्ट के मामले में, शुरुआती 10 मिनट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं और इस दौरान दी गई मदद से मरीज को बचाया जा सकता है।
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