Dark Mode
  • day 00 month 0000
गंगा दशहरा 2025: पुण्य, परंपरा और पावनता का महापर्व

गंगा दशहरा 2025: पुण्य, परंपरा और पावनता का महापर्व

 गंगा दशहरा में गंगा माँ की भक्ति से पाएं जीवन में सुख-समृद्धि

 

Ganga Dussehra 2025: हिंदू धर्म में कई धार्मिक स्नान प्रसिद्ध हैं, चाहें वो पूर्णिमा, अमावस्या और महाकुंभ का धार्मिक पुण्य स्नान हो। ऐसे ही गंगा दशहरा का स्नान हिंदू धार्मिक पर्व में विशेष मान्यता रखता है। कहते हैं मां गंगा में डुबकी लगाने से सारे पाप धूल जाते हैं। गंगा दशहरा में गंगा में डुबकी अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है, जो ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। भागीरथ ने तपस्या कर मां गंगा को धरती पर लाए थे। इसीलिए मां गंगा को भागीरथी के नाम से भी जाना जाता है। मां गंगा की पूजा-अर्चना से श्रद्धालुओं को सुख, शांति और वैभव की प्राप्ति होती है।

 

गंगा दशहरा 2025: क्यों खास है गंगा दशहरा?


हिंदू धर्म में गंगा दशहरा की विशेष मान्यता है। हिंदू आस्था के अनुसार गंगा नदी को मां गंगा कहा जाता है। कहते हैं गंगा में डुबकी लगाने से जातक के सभी पाप धुल जाते हैं। ऐसे में गंगा दशहरा अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है। मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर हस्त नक्षत्र में मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। भागीरथ मां गंगा को धरती पर लाए थे, इसीलिए मां गंगा को भागीरथी के नाम से भी जाना जाता है। गंगा दशहरा पर मां गंगा की पूरे मनोभाव से पूजा की जाती है और कहा जाता है कि मां गंगा प्रसन्न होकर भक्तों को सुख-समृद्धि का वरदान देती हैं। ऐसे में जानिए इस साल गंगा दशहरा किस दिन है और किस तरह मां गंगा को प्रसन्न किया जा सकता है।

 

गंगा दशहरा 2025: कब है गंगा दशहरा


इस साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 4 जून की रात 11 बजकर 54 मिनट पर शुरू हो रही है। ऐसे में उदया तिथि को ध्यान में रखते हुए 5 जून, गुरुवार को गंगा दशहरा मनाई जाएगी। गंगा दशहरा पर सुबह 9 बजकर 14 मिनट पर सिद्धि योग रहेगा। इसके साथ ही इस दिन रवि योग और हस्त नक्षत्र रहेगा और दोपहर 1 बजकर 2 मिनट पर तैतिल करण रहेगा।

 

गंगा दशहरा 2025: कैसे करें पूजा?


सबसे पहले एक कलश में गंगाजल भरकर उसे पूजा स्थल पर स्थापित करें। मां गंगा की मूर्ति या चित्र को चौकी पर स्थापित करें। गंगाजल से आचमन करें। दीपक जलाकर मां गंगा को अर्पित करें। मां गंगा को फूल अर्पित करें। मां गंगा को धूपबत्ती जलाएं। देवी-देवताओं का पूजन और गंगाजल से अभिषेक करें। मां गंगा का ध्यान करके गंगा मां की आरती करें।

 

गंगा दशहरा 2025: दान और स्नान


पुराणों के अनुसार गंगा दशहरा में स्नान और दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। तभी लोग सुबह उठकर गंगा में डुबकी लगाने के लिए दूर-दूर से मां गंगा के पास जाते हैं और डुबकी लगाकर अपना जीवन सफल बनाते हैं। गंगा दशहरा के दिन भोजन, वस्त्र और धन का वितरण करना शुभ होता है। गंगा दशहरा पर गंगा नदी में दीप दान करना चाहिए। जो लोग गंगा नदी नहीं जा सकते, वो घर में ही गंगाजल को नहाने के पानी में मिलाकर नहाते हैं। फिर मंदिर में या घर पर ही पूजा-अर्चना करके दान की प्रक्रिया करते हैं।

 

गंगा दशहरा 2025: 10 बार डुबकी


कहते हैं कि गंगा दशहरा के दिन मां गंगा की 10 बार डुबकी लगाने से 10 तरह के पापों का नाश होता है। गंगा में 10 बार डुबकी लगाने से तीन तरह के शरीर से किए पाप नष्ट होते हैं। इनमें हिंसा यानी किसी को नुकसान पहुंचाना या कष्ट पहुंचाना, चोरी करना या बिना किसी की इजाजत के उसकी चीज लेना, अवैध यौन संबंध या पत्नी के अतिरिक्त किसी अन्य स्त्री के साथ यौन संबंध बनाने से मुक्ति मिलती है।

 

गंगा दशहरा 2025: 10 का दान


मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन किए गए दान पुण्य दस गुना अधिक फल देते हैं। गंगा की पूजा के लिए हर सामग्री की संख्या भी 10 ही होती है। इसमें 10 फूल, 10 दीप, 10 फल, 10 मिठाई को रखा जाता है। साथ ही इस दिन 10 प्रकार के दान जैसे जल दान, अन्न दान, घी दान, पूजा या सुहाग सामग्री का दान, तेल का दान, शक्कर का दान, फल का दान, वस्त्र का दान या सामर्थ्यानुसार सोने का दान कर सकते हैं। इसलिए गंगा दशहरा पर 10 संख्या का बड़ा महत्व है।

 

गंगा दशहरा 2025: क्या खाएं?


गंगा दशहरा के दिन सात्विक और हल्का भोजन करना चाहिए, जैसे कि फल, अनाज, और सादे व्यंजन। इस दिन प्याज, लहसुन, मांस, और मदिरा जैसे तामसिक भोजन से बचना चाहिए। कुछ लोग इस दिन उड़द की दाल की खिचड़ी भी खाते हैं।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

Comment / Reply From

You May Also Like

Vote / Poll

क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..

View Results
Yes
10%
No
90%

Talk to us?