
नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया बैन हटाया,हिंसक प्रदर्शनों में कई लोगों की मौत
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Anjali
- September 9, 2025
नेपाल सरकार ने आखिरकार युवाओं के दबाव के बाद नेपाल सोशल मीडिया प्रतिबंध हटाया। सोमवार को हुई आपात कैबिनेट बैठक के बाद संचार मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग (Communications Minister Prithvi Subba Gurung) ने घोषणा की कि फेसबुक, एक्स और व्हाट्सएप समेत सभी साइट्स फिर से चालू कर दी गई हैं। यह बड़ा नेपाल सरकार का फैसला उन हिंसक प्रदर्शनों के बीच लिया गया, जिनमें अब तक करीब 20 लोगों की मौत और 300 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। इस घटना को लेकर अब पूरे देश में नेपाल सोशल मीडिया अपडेट चर्चा का विषय बन गया है।
तीन दिन पहले नेपाल सरकार सोशल मीडिया बैन लागू किया गया था। सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स सहित 26 प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया था, क्योंकि ये नेपाल सरकार के साथ रजिस्ट्रेशन कराने में असफल रहे थे। लेकिन जैसे ही नेपाल सोशल मीडिया प्रतिबंध हटाया गया, युवाओं ने राहत की सांस ली। हालांकि, सरकार का कहना है कि फर्जी खबरों और गलत कंटेंट को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया था। इस बीच, लगातार हो रहे नेपाल हिंसक प्रदर्शन 2025 ने हालात और बिगाड़ दिए थे।
काठमांडू की सड़कों पर पिछले तीन दिनों से नेपाल हिंसक प्रदर्शन 2025 का असर साफ दिखाई दे रहा था। संसद भवन के सामने जुटे हजारों युवाओं ने सोशल मीडिया बैन हटाने की मांग की। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस, वाटर कैनन और रबर बुलेट्स तक का इस्तेमाल करना पड़ा। इसी दौरान करीब 20 लोगों की मौत और 300 से ज्यादा लोग घायल हुए। इसके बाद हालात को संभालने के लिए कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई गई और नेपाल सरकार का फैसला आया कि सोशल मीडिया साइट्स फिर से शुरू की जाएंगी।
जानकारी के मुताबिक मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरुंग (Minister Prithvi Subba Gurung) ने साफ किया कि मंत्रालय ने एजेंसियों को आदेश दे दिया है कि फेसबुक और व्हाट्सएप जैसी साइट्स को चालू किया जाए। उन्होंने Gen Z प्रदर्शनकारियों से आंदोलन वापस लेने की अपील भी की। गुरुंग ने कहा कि भले ही नेपाल सरकार सोशल मीडिया बैन पहले लगाया गया था, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए अब यह सही नहीं था। इसीलिए कैबिनेट ने नेपाल सोशल मीडिया प्रतिबंध हटाया और सोशल मीडिया को खोलने का बड़ा ऐलान किया।
सोमवार रात से ही फेसबुक, व्हाट्सएप और एक्स दोबारा नेपाल में चालू हो गए हैं। हालांकि, मंत्री ने यह भी कहा कि सरकार को अपने पिछले कदम पर कोई पछतावा नहीं है, क्योंकि उसका मकसद फेक न्यूज और गलत जानकारी को रोकना था। अब हिंसा की जांच के लिए एक विशेष समिति भी बनाई गई है, जिसे 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपनी होगी। इस बीच, युवाओं का कहना है कि नेपाल सोशल मीडिया अपडेट केवल बैन हटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि उनकी नाराजगी भ्रष्टाचार और बेरोजगारी जैसे मुद्दों को लेकर भी है।
मानवाधिकार संगठनों ने भी सोशल मीडिया बैन को सेंसरशिप का हथियार बताते हुए आलोचना की थी। विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल सरकार सोशल मीडिया बैन जैसे फैसले से न सिर्फ युवाओं का गुस्सा बढ़ा बल्कि यह सरकार की छवि पर भी असर डाल गया। अब जब नेपाल सोशल मीडिया प्रतिबंध हटाया गया है, तो लोगों को उम्मीद है कि हालात सामान्य होंगे और नेपाल हिंसक प्रदर्शन 2025 की वजह से जो नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई सरकार जल्द करेगी।
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