Dark Mode
  • day 00 month 0000
BMC election: BMC चुनाव में देरी पर सियासत गर्म, शिवसेना UBT बोली- सरकार नहीं करवा सकती तो कोर्ट जाएंगे

BMC election: BMC चुनाव में देरी पर सियासत गर्म, शिवसेना UBT बोली- सरकार नहीं करवा सकती तो कोर्ट जाएंगे

मुंबई महानगरपालिका (BMC) के चुनाव एक बार फिर टल गए हैं और इसे लेकर राज्य की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है। महाराष्ट्र की सबसे बड़ी और देश की सबसे अमीर नगर निकाय BMC चुनाव को लेकर तारीख़ों पर तारीख़ मिल रही है, लेकिन अंतिम निर्णय अब तक नहीं हो पाया है। इस बीच Shiv Sena UBT ने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं और संकेत दिए हैं कि अगर चुनाव समय पर नहीं हुए तो वे फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे।

 

शिवसेना UBT का सरकार पर हमला

शिवसेना (UBT) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को 4 महीने में BMC election कराने का निर्देश दिया था, लेकिन सरकार वार्ड सीमांकन की प्रक्रिया का हवाला देकर देरी कर रही है। उन्होंने कहा, "इतनी देरी का मतलब साफ है कि चुनाव 2026 तक टल सकते हैं। लोग परेशान हैं, नाले साफ नहीं हो रहे, सड़कों पर गड्ढे हैं। सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि यदि वह चुनाव नहीं करवा सकती, तो हम दोबारा कोर्ट जाएंगे।”

आनंद दुबे ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना कर रही है, जो लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।

 

वार्ड सीमांकन बना देरी की वजह

राज्य सरकार ने हाल ही में A, B और C श्रेणी की महानगरपालिकाओं के वार्ड सीमांकन की अंतिम तारीख 4 सितंबर से बढ़ाकर 6 अक्टूबर कर दी है, जबकि D श्रेणी के लिए यह समयसीमा 19 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है। यही कारण है कि BMC election अब नवंबर या दिसंबर 2025 तक ही संभव माने जा रहे हैं।

 

सरकार का कहना है कि वार्डों का सीमांकन पूरी तरह 2011 की जनगणना के आधार पर किया जाएगा, न कि वर्तमान मतदाता संख्या या वर्तमान जनसंख्या के आधार पर। साथ ही, हर वार्ड की औसत जनसंख्या की गणना बीएमसी की कुल जनसंख्या को 227 सीटों में विभाजित करके की जाएगी।

 

बीजेपी का जवाब

विधान परिषद में बीजेपी नेता प्रसाद लाड ने कहा कि यदि सीमांकन की प्रक्रिया अगस्त तक पूरी हो जाती है, तो चुनाव की घोषणा भी उसी महीने संभव हो सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि अक्टूबर या नवंबर में मुंबईकर अपने पार्षदों का चुनाव कर सकें।

उन्होंने बताया कि नगर विकास विभाग ने सभी नगर आयुक्तों को निर्देश दिया है कि सीमांकन की ड्राफ्ट रिपोर्ट तय समय सीमा में जमा करें ताकि चुनाव की तैयारियां समय पर हो सकें।

 

चुनाव टालने के कारण

  1. वार्ड सीमांकन की अंतिम तिथियों में बढ़ोतरी
  2. 2011 की जनगणना के आंकड़ों के आधार पर प्रक्रिया
  3. मानसून में चुनावी तैयारी की दिक्कत
  4. राज्य सरकार का निर्णय – बीएमसी में सीटों की संख्या 227 ही रहेगी
  5. नगर विकास विभाग द्वारा समयसीमा में ड्राफ्ट की मांग
  6. नगरपालिका परिषदों के लिए ड्राफ्ट जमा करने की अंतिम तारीख 30 सितंबर
  7. महाविकास आघाड़ी के समय तय किए गए 236 वार्डों के प्रस्ताव को रद्द किया गया


Shiv Sena UBT जहां लगातार सरकार पर आरोप लगा रही है कि चुनाव को जानबूझकर टाला जा रहा है, वहीं राज्य सरकार और BJP का दावा है कि तकनीकी और प्रक्रियात्मक वजहों से थोड़ी देर हो रही है, लेकिन चुनाव जल्द ही कराए जाएंगे। अब सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि मुंबई के सबसे बड़े नगर निकाय के चुनाव का ‘मुहूर्त’ आखिर कब निकलेगा।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

Comment / Reply From

Vote / Poll

क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..

View Results
Yes
10%
No
90%

Talk to us?