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अचानक रिटायरमेंट पर अश्विन का खुलासा: टीम से बाहर होना पड़ा भारी

अचानक रिटायरमेंट पर अश्विन का खुलासा: टीम से बाहर होना पड़ा भारी

रविचंद्रन अश्विन का खुलासा: क्यों लिया अचानक रिटायरमेंट?

भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन रिटायरमेंट को लेकर आखिरकार चुप्पी तोड़ी है। अपने यूट्यूब चैनल पर पूर्व कप्तान और कोच राहुल द्रविड़ से बातचीत में उन्होंने बताया कि रविचंद्रन अश्विन रिटायरमेंट की वजह लगातार विदेश दौरों पर टेस्ट मैचों से बाहर बैठना रहा। उन्होंने कहा कि बार-बार टीम का हिस्सा बनकर भी जब मैदान पर मौका नहीं मिलता था, तो यह उन्हें भीतर से तोड़ने लगा। अश्विन ने साफ कहा, “मैं उम्रदराज हो चुका था, लेकिन टीम में योगदान देने की इच्छा हमेशा रही। जब लगातार बाहर बैठना पड़ा, तो मन में सवाल उठने लगे कि क्या बच्चों के साथ समय बिताना ज्यादा बेहतर नहीं है?” यही सोच उन्हें अश्विन अचानक रिटायरमेंट के फैसले तक ले गई।

 

अश्विन ने यह भी बताया कि उनका हमेशा से प्लान था कि 34-35 साल की उम्र तक खेलेंगे और फिर संन्यास लेंगे, लेकिन हालात ऐसे बने कि फैसला अचानक लेना पड़ा। उन्होंने कहा कि जब आप देश के लिए खेलते हैं तो यह सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि भावनाओं का हिस्सा होता है। ऐसे में टीम से बाहर बैठना उन्हें सबसे ज्यादा खलता था। यही कारण रहा कि ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच ही उन्होंने अपने रविचंद्रन अश्विन क्रिकेट करियर को विराम देने का कठिन निर्णय लिया।

 

क्रिकेट करियर और द्रविड़ संग खास बातचीत

रविचंद्रन अश्विन क्रिकेट करियर हमेशा से यादगार रहा है। अनिल कुंबले के बाद टेस्ट में 500 से ज्यादा विकेट लेने वाले अश्विन भारत के दूसरे गेंदबाज बने। उन्होंने भारत में खेले गए 65 टेस्ट मैचों में 383 विकेट और विदेशी धरती पर खेले 40 टेस्ट मैचों में 150 विकेट झटके। वहीं, न्यूट्रल वेन्यू पर खेले गए वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप फाइनल में भी उन्होंने 4 विकेट हासिल किए। इस शानदार सफर के बावजूद रविचंद्रन अश्विन रिटायरमेंट की वजह यही रही कि टीम में लगातार मौके नहीं मिल रहे थे।

 

इसी बातचीत में राहुल द्रविड़ ने भी टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि रोहित का शांत स्वभाव, टीम को प्राथमिकता देना और हर बात को साफ तरीके से सामने रखना उन्हें सबसे खास बनाता है। द्रविड़ ने माना कि रोहित और उनके बीच कभी जबरदस्ती मीटिंग करने की जरूरत नहीं पड़ी। यह रिश्ता भरोसे और समझ पर टिका था, जिसने टीम को नई ऊंचाई तक पहुंचाया। द्रविड़ ने कहा कि एक कोच के तौर पर उनका मानना हमेशा यही रहा कि टीम कप्तान की होनी चाहिए और रोहित ने इसे बखूबी निभाया।

 

इस इंटरव्यू के जरिए यह साफ हो गया कि अश्विन अचानक रिटायरमेंट कोई भावनात्मक या क्षणिक फैसला नहीं था, बल्कि लंबे समय से चले आ रहे दबाव और टीम से बाहर बैठने की पीड़ा का नतीजा था। बावजूद इसके, रविचंद्रन अश्विन क्रिकेट करियर भारतीय क्रिकेट इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज रहेगा। उनके विकेट, उनकी रणनीति और उनका योगदान हमेशा युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।

 

 

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Frequently Asked Questions 

 

Q1: अश्विन ने अचानक रिटायरमेंट क्यों लिया ?

Ans: उन्हें लगातार टीम में चुना गया लेकिन खेलने का मौका नहीं मिला, जिससे मानसिक दबाव बढ़ गया।

 

Q2: क्या अश्विन का रिटायरमेंट पहले से प्लान किया हुआ था ?

Ans: हां, वे 34-35 साल की उम्र तक खेलना चाहते थे, लेकिन हालातों ने उन्हें जल्दी फैसला लेने पर मजबूर किया।

 

Q3: अश्विन ने रिटायरमेंट का फैसला कब लिया ?

Ans: ऑस्ट्रेलिया दौरे के बीच उन्होंने यह निर्णय लिया।

 

Q4: अश्विन ने अपने फैसले पर क्या कहा ?

Ans: उन्होंने कहा कि जब मैदान पर मौका नहीं मिल रहा था, तो बच्चों के साथ समय बिताना बेहतर लगा।

 

Q5: अश्विन का टेस्ट करियर कैसा रहा ?

Ans: उन्होंने भारत में 383 और विदेशों में 150 विकेट लेकर कुल 533 टेस्ट विकेट हासिल किए।

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