
गणेश विसर्जन 2025: आज का शुभ मुहूर्त और मंत्र जानें, बप्पा को दें सही विदाई और विसर्जन की पूरी विधि
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Anjali
- September 6, 2025
आज बप्पा को दें श्रद्धापूर्ण विदाई, जानें शुभ मुहूर्त, मंत्र और विधि
आज 6 सितंबर 2025 को गणेशोत्सव 2025 का समापन होगा। 10 दिन की स्थापना के बाद भक्त गणेश विसर्जन 2025 के जरिए बप्पा को भावपूर्ण विदाई देंगे। यह दिन भक्तों के लिए बहुत खास है क्योंकि गणेश मूर्ति विसर्जन विधि और मंत्रों के अनुसार बप्पा को विदा करना जरूरी माना जाता है। आज के दिन गणपति विसर्जन मुहूर्त का पालन करना फलदायी होता है।
गणपति विसर्जन 2025 का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य सचिन पंडित के अनुसार, गणेश विसर्जन 2025 के शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं:
- सुबह (शुभ): 07:36 AM – 09:10 AM
- दोपहर (लाभ, अमृत): 12:19 PM – 05:02 PM
- शाम (लाभ): 06:37 PM – 08:02 PM
- रात्रि (शुभ, अमृत, चर): 09:28 PM – अगले दिन 01:45 AM
इन गणपति विसर्जन मुहूर्त में ही बप्पा का विसर्जन करना चाहिए। मंत्र जाप और विधिपूर्वक पूजा के बिना विसर्जन से लाभ पूर्ण नहीं मिलता।
गणपति मंत्र 2025 और बप्पा को विदाई
गणेश विसर्जन 2025 में मंत्रों का जाप बहुत महत्वपूर्ण है। पंडित पवन कुमार बताते हैं कि विसर्जन के समय यह मंत्र बोला जाए:
गच्छ गच्छ सुरश्रेष्ठ स्वस्थानं त्वरितं गज॥
पूजितोऽसि मया भक्त्या पुनरागमनाय च॥
इसका अर्थ है: “हे गणेश जी! आपने भक्तिभाव से पूजा की है, कृपया अगले वर्ष फिर हमारे घर पधारें।” इसके साथ भक्त अन्य मंत्र भी उच्चारित कर सकते हैं जैसे:
- ॐ गं गणपंचाय नमः
- ॐ नमो भगवते गजननाय
- ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ
मंत्रों के जाप के साथ भक्त बप्पा को विदाई देते हैं और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
गणेश मूर्ति विसर्जन विधि
- गणेश विसर्जन 2025 में मूर्ति विसर्जन करने से पहले पूरी विधि का पालन करें:
- बप्पा को फूल, फल, मिठाई, वस्त्र, अक्षत और दीप-धूप अर्पित करें।
- गणपति मंत्र 2025 का जाप करें और घी का दीपक जलाकर आरती करें।
- मूर्ति को साफ पानी वाले स्थल पर रखें।
- हर्षोल्लास और भक्ति भाव के साथ मूर्ति को उठाएं और पानी में 3–5 बार डुबाएं।
- विसर्जन के बाद पानी के पास खड़े होकर पूजा में हुई भूल-चूक के लिए माफी मांगें।
- अंत में 5–11 बार “गणपति बप्पा मोरया, अगले वर्ष जल्दी आना” का जयकारा लगाएं।
गणेश विसर्जन का महत्व
गणेश विसर्जन 2025 केवल मूर्ति को जल में प्रवाहित करने का कार्य नहीं है। यह भगवान गणेश का पंचतत्वों में विलय और जीवन के चक्र का प्रतीक है। बप्पा की विदाई में भक्ति और श्रद्धा का संगम होता है। गणपति विसर्जन मुहूर्त और गणपति मंत्र 2025 का पालन भक्तों के लिए सुख, समृद्धि और आशीर्वाद सुनिश्चित करता है।
आज 6 सितंबर 2025 को भक्त पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ बप्पा को विदाई देंगे और अगले वर्ष उनके आगमन की प्रतीक्षा करेंगे। गणेश मूर्ति विसर्जन विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त का पालन करके यह पर्व और भी अधिक फलदायी बनता है।
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