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खामेनेई बंकर में, उत्तराधिकारी बने तीन क्लेरिक्स

खामेनेई बंकर में, उत्तराधिकारी बने तीन क्लेरिक्स

खामेनेई को सता रहा मौत का डर: बंकर में तैयारी, तीन क्लेरिक्स बने उत्तराधिकारी!


इजरायल‑ईरान तनाव के बीच ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामेनेई (86) के लिए हालात गंभीर हो गए हैं। उनके इजरायली बमबारी के बीच भीतर से ही खौफ़ है कि शायद उन्हें मारने की साजिश रची जा रही है।


बंकर और ऑपरेशनल बंदोबस्त


खामेनेई अब तेहरान के बंकर में सुरक्षित हैं, जहां उन्होंने अपने युद्ध-परिदेश को लेकर सावधानीपूर्वक व्यवस्था की है। उन्होंने ई‑मेल और फोन जैसे इलेक्ट्रॉनिक संचार को बंद कर दिया, ताकि उनका ठिकाना ट्रैक न हो सके. तीन वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की हालिया हत्याएं—जिनमें सईद इज़ादी और बेंजाम शाह्रियारी जैसे नाम शामिल हैं—ने उनके चिंतित होने की स्थिति पैदा कर दी है.


तीन नाम सूची में, बेटा बाहर!


अदालती और धार्मिक क्षेत्र की प्रभावशाली हस्तियों की सूची में तीन मुखिया नाम शामिल हैं:

  • घोलाम‑हुसैन मोहसेनी‑एजेई – न्याय व्यवस्था के मुखिया
  • मोह्सेन क़ोमी / मोह्सेन अराकी – असेंबली ऑफ एक्सपर्ट्स के सदस्य
  • अली अकबर वेलायती – अंतरराष्ट्रीय सलाहकार और काफ़ी अनुभवी कलीर

खास बात यह कि उनके बेटे मुज़तबा खामेनेई का नाम सूची में शामिल नहीं है—इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि उत्तराधिकारी में वंशवादी सिस्टम को शामिल नहीं किया गया है ।


क्यों यह लिस्ट जरूरी है?


यह कदम स्थिरता बनाए रखने के लिए उठाया गया है क्योंकि तीन दशक से अधिक शासन करने वाले खामेनेई अब अपनी मृत्यु या मौतों के बाद सत्ता संक्रमण की तैयारियों में लगे हैं । असेंबली ऑफ एक्सपर्ट्स को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन तीन नामों में से उपयुक्त उत्तराधिकारी का चुनाव करें ।


इजरायली हमलों का तेहरान पर असर


इजरायल की स्ट्राइकें, जिनमें ड्रोन और F‑35 फाइटर का उपयोग हुआ, सिर्फ यंत्रों को नहीं, बल्कि ईरानी पावर सेंटर को भी कमजोर कर रही हैं । शहरों पर हुई क्षति—अस्पताल, तेल रिफाइनरी, धार्मिक स्थल—1980 के ईरान–इराक युद्ध की तुलना में बूरकर असर डाल रही हैं । तीन उच्च सैनिक नेताओं के मारने से खामेनेई का आंतरिक नेटवर्क कमजोर हुआ है, जिसकी वजह से वह अब और सतर्क हो गए हैं ।


संकट क्या गहरेगा?


कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराधिकारी निर्धारण सार्वजनिक होने पर भयावह प्रतिस्पर्धा और इंटरनल फूट उभर सकती है, जो कि 1980 के दशक की तुलना में ज़्यादा खतरनाक होगा । यदि वंशवाद की राह अपनाई गई, तो वह ईरान की 1979 क्रांति की मूल भावना के विरोधी होगा, जिसे खामोखामी से तोड़ा जा रहा है सकारात्‍मक संकेतों के बीच भी चिंता बनी हुई है ।


आगे क्या होगा?


जब भी खामेनेई की मृत्यु होगी, तब असेंबली ऑफ एक्सपर्ट्स को ये तीनों नामों में से एक को तुरंत नियुक्त करना होगा, ताकि देश की स्थिरता टूटने से बच सके । अगले समय में यह स्पष्ट होगा कि ईरान वंशवादी नियंत्रण की तरफ बढ़ेगा, या फिर क्लेरिक्स / सैनिक नेतृत्व के बीच एक संतुलन स्थापित होगा।

 

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