
बिहार में आज से 21 सितंबर तक गया में चलेगा पितृ पक्ष मेला
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Anjali
- September 6, 2025
बिहार के गयाजी में आज से पितृ पक्ष मेला गया 2025 की शुरुआत हो गई है। यह आस्था और परंपरा से जुड़ा मेला 21 सितंबर तक चलेगा। जानकारी के मुताबिक इस साल मेला 16 दिनों का होगा क्योंकि आश्विन कृष्ण षष्ठी और सप्तमी एक ही दिन पड़ रहे हैं। आज शाम चार बजे इसका उद्घाटन किया जाएगा। लाखों श्रद्धालु यहां अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए गया में पिंडदान करने पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने कहा कि इस बार मेले में आने वाले सभी तीर्थयात्रियों के लिए खास इंतज़ाम किए गए हैं।
आज से शुरू हुआ पितृ पक्ष मेला गया 2025 हर साल की तरह इस बार भी खास आकर्षण का केंद्र है। जिला सूचना और जनसंपर्क पदाधिकारी ने बताया कि 21 सितंबर तक रोजाना देवघाट और सीता कुंड पर फल्गु महाआरती का आयोजन होगा। इसके अलावा सात सितंबर से 21 सितंबर तक विष्णुपद मंदिर प्रांगण में रोज सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन, प्रवचन और भागवत कथा का आयोजन होगा। 2024 में 22 लाख तीर्थयात्री यहां पहुंचे थे और इस बार 15 लाख से ज्यादा लोगों के आने की उम्मीद जताई जा रही है। आस्था से भरे इस मेले में आने वाले श्रद्धालुओं का मुख्य उद्देश्य गया में पिंडदान करना होता है।
जानकारी के मुताबिक इस बार के पितृ पक्ष मेला गया 2025 में कई खास मेहमान भी शामिल होंगे। उद्घाटन समारोह में केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह, कई सांसद-विधायक और स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। प्रशासन ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अलग-अलग विभागों की टीमें लगातार काम कर रही हैं। इतना ही नहीं, बड़ी संख्या में लोग पिंडदान गया मेला में पहुंच रहे हैं ताकि अपने पूर्वजों का श्राद्ध कर सकें।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए इस बार एक और नई पहल की गई है। विष्णुपद मंदिर के पास पटना महावीर मंदिर ट्रस्ट की ओर से ‘विष्णु रसोई’ की शुरुआत हुई है। यहां तीर्थयात्रियों को रोजाना दो समय मुफ्त भोजन मिलेगा। गया के डीएम शशांक शेखर ने बताया कि ‘विष्णु रसोई’ का उद्देश्य है कि गया में पिंडदान करने आने वाले लोगों को शहर में भोजन के लिए परेशान न होना पड़े। यह सेवा अयोध्या की ‘राम रसोई’ की तर्ज पर शुरू की गई है।
पितृ पक्ष 2025 तिथि के अनुसार इस साल मेला 6 सितंबर से 21 सितंबर तक चलेगा। 6 सितंबर को भाद्र शुक्ल चतुर्दशी से मेला शुरू हुआ और 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ इसका समापन होगा। इन दिनों अलग-अलग तीर्थस्थलों जैसे पुनपुन तट, फल्गु नदी, ब्रह्म कुंड, रामशिला, सीता कुंड और विष्णुपद मंदिर पर गया में पिंडदान किया जाएगा। हर दिन आचार्यों के निर्देशन में पिंडदान और तर्पण की परंपरा निभाई जाएगी।
धार्मिक मान्यता के अनुसार पितृ पक्ष मेला गया 2025 पितरों को याद करने और पितृ ऋण से मुक्त होने का सबसे बड़ा अवसर है। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान गया में पिंडदान करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यही वजह है कि इस मेले को मोक्ष मेला भी कहा जाता है। देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालु हर साल यहां पहुंचते हैं।
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