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G-7 के लिए कनाडा नहीं जाएंगे पीएम मोदी, क्या टूट जाएगी 6 सालों पुरानी परंपरा?

G-7 के लिए कनाडा नहीं जाएंगे पीएम मोदी, क्या टूट जाएगी 6 सालों पुरानी परंपरा?

जी-7 सम्मेलन में पीएम मोदी की अनुपस्थिति: क्या टूटेगी 6 साल पुरानी परंपरा?

 

कनाडा के अल्बर्टा प्रांत में 15 से 17 जून 2025 तक आयोजित होने वाले जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति, पिछले छह वर्षों में पहली बार हो रही है। इससे पहले, पीएम मोदी ने 2019 से लगातार इस सम्मेलन में भाग लिया है। हालांकि, इस बार उनके सम्मेलन में शामिल होने की संभावना कम बताई जा रही है।

 

भारत-कनाडा रिश्तों में तनाव

 

भारत और कनाडा के बीच रिश्ते 2023 में उस समय तनावपूर्ण हो गए थे, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कथित भारतीय एजेंटों की संलिप्तता का आरोप लगाया था। भारत ने इन आरोपों को बेबुनियाद और प्रेरित बताया था। इसके परिणामस्वरूप दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायुक्तों को वापस बुला लिया था और नए उच्चायुक्तों की नियुक्ति नहीं की गई।

अक्टूबर 2024 में, कनाडा ने छह भारतीय राजनयिकों को निष्कासित किया, जबकि भारत ने भी छह कनाडाई राजनयिकों को निष्कासित किया। यह कदम दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव और आपसी अविश्वास का प्रतीक है।

 

सुरक्षा चिंताएँ

 

कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथी तत्वों की सक्रियता और प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा को लेकर भारत की गंभीर चिंताएँ हैं। कनाडा में भारतीय उच्चायोग और कांसुलेटों पर हमले और खालिस्तानी समर्थकों द्वारा विरोध प्रदर्शन भारत के लिए सुरक्षा का बड़ा मुद्दा बन गए हैं। ऐसे में, पीएम मोदी का कनाडा जाना सुरक्षा जोखिमों को बढ़ा सकता है।

 

कनाडा की ओर से कोई आधिकारिक निमंत्रण नहीं

 

अब तक कनाडा ने पीएम मोदी को जी-7 सम्मेलन में भाग लेने के लिए कोई आधिकारिक निमंत्रण नहीं भेजा है। इसके अलावा, भारत ने भी इस सम्मेलन में भाग लेने की इच्छा नहीं जताई है। इससे स्पष्ट है कि दोनों देशों के बीच रिश्तों में सुधार की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।

 

भविष्य की दिशा

 

हालांकि, 2024 के जी-7 सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी और प्रधानमंत्री ट्रूडो के बीच संक्षिप्त मुलाकात हुई थी, जिसमें दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार की आवश्यकता पर चर्चा की थी। लेकिन, इस मुलाकात के बावजूद, दोनों देशों के रिश्तों में कोई महत्वपूर्ण बदलाव नहीं आया है।

कनाडा में नए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भारत के साथ संबंधों में सुधार की प्रतिबद्धता जताई है, लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आया है। ऐसे में, यह देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में दोनों देशों के रिश्ते किस दिशा में आगे बढ़ते हैं।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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