
लंदन में भारतीय विदेश मंत्री की सुरक्षा में चूक: भारत ने जताई कड़ी नाराजगी
-
Chhavi
- March 7, 2025
लंदन में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर की आधिकारिक यात्रा के दौरान एक गंभीर सुरक्षा चूक सामने आई। एक प्रदर्शनकारी सुरक्षा घेरा तोड़कर उनके वाहन के पास पहुंच गया और भारतीय ध्वज का अपमान करने की कोशिश की। इस घटना के बाद भारत ने ब्रिटेन से कड़ी आपत्ति जताई है और सुरक्षा प्रबंधों को मजबूत करने की मांग की है। भारतीय विदेश मंत्री और सुरक्षा चूक जैसे महत्वपूर्ण कीवर्ड्स का उपयोग किया गया है। यह घटना भारत और ब्रिटेन के राजनयिक संबंधों में एक नई चुनौती पैदा कर सकती है।
कैसे हुआ सुरक्षा उल्लंघन?
यह घटना लंदन के चैथम हाउस में हुई, जहां विदेश मंत्री एस. जयशंकर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम में शामिल हो रहे थे। इसी दौरान खालिस्तान समर्थकों के एक समूह ने बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस विरोध प्रदर्शन के बीच एक प्रदर्शनकारी सुरक्षा बैरिकेड तोड़कर मंत्री के काफिले के सामने आ गया। उसने भारतीय ध्वज का अपमान करने की कोशिश की और भारत विरोधी नारे लगाए। ब्रिटिश पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप किया और उसे हिरासत में लिया। लेकिन इस घटना ने ब्रिटेन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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भारत की कड़ी प्रतिक्रिया: "लोकतंत्र की आड़ में अराजकता बर्दाश्त नहीं"
भारत ने इस घटना को लेकर ब्रिटेन सरकार से कड़ी नाराजगी जताई है। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, "यह घटना निंदनीय है। लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन इसका दुरुपयोग कर अराजकता फैलाना अस्वीकार्य है।" भारत सरकार ने ब्रिटेन से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जाए और भारतीय प्रतिनिधियों की सुरक्षा में कोई चूक न हो।
खालिस्तान समर्थकों का प्रदर्शन: भारत के लिए पुरानी चुनौती
खालिस्तान आंदोलन भारत के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती बना हुआ है। यह आंदोलन सिखों के लिए एक अलग राष्ट्र "खालिस्तान" की मांग करता है। भारत इसे एक चरमपंथी और अलगाववादी आंदोलन मानता है, जो देश की संप्रभुता के लिए खतरा है। इससे पहले भी, मार्च 2023 में लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तान समर्थकों ने हमला किया था और वहां लगे भारतीय ध्वज को हटाने की कोशिश की थी। इस घटना के बाद भी भारत ने ब्रिटेन को कड़ी चेतावनी दी थी और सुरक्षा पुख्ता करने की मांग की थी।
ब्रिटेन की प्रतिक्रिया: अब तक चुप्पी, भारत ने उठाए सवाल
ब्रिटिश सरकार की ओर से अब तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। भारत ने मांग की है कि ब्रिटेन सरकार अपनी राजनयिक जिम्मेदारियों को निभाए और भारतीय अधिकारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। भारत को उम्मीद है कि ब्रिटेन न केवल इस घटना की जांच करेगा, बल्कि भविष्य में इस तरह की सुरक्षा चूक को रोकने के लिए कड़े कदम भी उठाएगा।
भारत-ब्रिटेन संबंधों पर असर?
यह घटना ऐसे समय पर हुई है जब भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापार और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करने की कोशिशें हो रही हैं। जयशंकर की यह यात्रा भी द्विपक्षीय संबंधों को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से की गई थी। हालांकि, अगर ब्रिटेन इस मामले पर भारत की चिंताओं को गंभीरता से नहीं लेता, तो यह दोनों देशों के रिश्तों में तनाव पैदा कर सकता है। भारत-ब्रिटेन संबंध और व्यापार और सुरक्षा सहयोग जैसे कीवर्ड्स का उपयोग किया गया है।
सुरक्षा को लेकर सतर्कता जरूरी
इस घटना ने एक बार फिर दिखा दिया है कि विदेश दौरों पर जाने वाले उच्च स्तरीय अधिकारियों की सुरक्षा में कोई चूक नहीं होनी चाहिए। भारत के लिए यह सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा और सम्मान से जुड़ा मामला है। अब देखने वाली बात यह होगी कि ब्रिटेन सरकार इस घटना को कितनी गंभीरता से लेती है और भारत की चिंताओं को दूर करने के लिए क्या कदम उठाती है।
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