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तेज प्रताप को मिला अखिलेश का साथ, क्या सपा में नई पारी के लिए बढ़ाया हाथ ?

तेज प्रताप को मिला अखिलेश का साथ, क्या सपा में नई पारी के लिए बढ़ाया हाथ ?

पिछले दिनों बिहार के सियासी राजनीति में कोहराम मच गया था, जब आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटे तेज प्रताप से अनुष्का यादव के साथ तस्वीर वायरल होने पर सारा नाता-रिश्ता तोड़कर परिवार और पार्टी से निष्कासित किया। सार्वजनिक रूप से घोषणा कर कहा कि तेज प्रताप का आचरण पारिवारिक और सामाजिक मूल्यों के खिलाफ है, इसलिए उन्हें पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया जाता है। परिवार से नाता टूटने के बाद तेज प्रताप यादव चर्चा में बने रहें। इसी बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव तेजप्रताप के सियासी भविष्य पर गहराते संकट के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आए हैं।

 

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बिहार के पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव की वीडियो कॉल की बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें अखिलेश यादव ने तेजप्रताप से आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए लखनऊ बुलाया। वहीं, तेज प्रताप यादव ने कहा कि चुनाव लड़ने से पहले वह लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात भी करेंगे। वीडियो को तेजप्रताप यादव ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट किया था।

 

तेज प्रताप ने लिखा, "आज मेरे परिवार के सबसे प्यारे सदस्यों में से एक यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री माननीय अखिलेश यादव जी से वीडियो कॉल पर लंबी वार्ता हुई. इस दौरान बिहार के राजनीतिक हालातों पर भी चर्चा हुई। अखिलेश जी हमेशा से ही मेरे दिल के काफी करीब रहे हैं और आज जब मेरा हालचाल लेने के लिए उनका अचानक से कॉल आया, तो ऐसा लगा जैसे मैं अपने इस लड़ाई में अकेला नही हूं।"


इस वीडियो के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज जो गई है या यूं कहें की सियासी माहौल गरमाया हुआ है। सवाल ये उठ रहा है कि क्या तेजप्रताप सपा की साइकिल पर सवार होने के लिए लखनऊ की यात्रा करेंगे? क्या आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए आरजेडी के खिलाफ खड़े होंगे ? अटकलें लगाई जा रही हैं कि पार्टी और परिवार से निष्कासित होने के बाद तेजप्रताप अकेले हो गए थे और अब अपना रुख बदल सकते है।


तेजप्रताप को लेकर एलजेपी लीडर धीरेंद्र मुन्ना ने कहा, "तेज प्रताप को विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए। तेज प्रताप के ऊपर कोई गंभीर आरोप भी नहीं है। आरजेडी में केवल भ्रष्टाचारियों की पूछ होती है। अखिलेश यादव ने बिहार में भले अपने पार्टी का विस्तार नहीं किया हो लेकिन अपनी विचार का विस्तार जरूर कर दिया है। जिस तरह से मुलायम सिंह यादव के साथ उन्होंने बर्ताव किया था, इस तरह का मामला बिहार में भी देखने को मिलेगा। आरजेडी के अंदर अब विद्रोह की शुरुआत हो चुका है।

 

जेडीयू लीडर अभिषेक झा ने कहा, "लालू के परिवार के ड्रामा का रोज नया किस्सा बाहर आ रहा है. पहले परिवार और पार्टी से तेज प्रताप को निकाल दिया, अब तेज प्रताप अखिलेश यादव से चर्चा कर रहे हैं। चुनाव कहां से और किस पार्टी से लड़ेंगे, अभी पता नहीं है। लगता है आरजेडी तेज प्रताप को पीछे के दरवाजे से फायदा पहुंचाना चाहती है।


तेज प्रताप यादव और अखिलेश यादव की बातचीत न सिर्फ व्यक्तिगत संबंधों की गहराइयों को दर्शाता, बल्कि आगामी बिहार चुनाव में अच्छा समीकरण भी देखने को मिल सकता है। तेज प्रताप की सियासी राजनीति में इस नए गठजोड़ को लेकर अटकलें यह भी लगाई जा रही कि लालू परिवार से निकाले जाने के बाद तेज प्रताप सपा की साइकिल पर सवार होंगे या आगामी चुनाव के लिए आरजेडी से लड़ेंगे ? लेकिन अखिलेश यादव से बातचीत के बाद सपा के टिकट पर उनके आगामी चुनाव लड़ने का रास्ता तो खुल ही गया है।

 

फ़िलहाल लालू परिवार से नाता टूटने के बाद तेज प्रताप यादव के सियासी भविष्य पर गहराते संकट के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव तेज प्रताप यादव के लिए सपा में नए चेहरे के रूप में एक उम्मीद की किरण बनते दिख रहे हैं।

 

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