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टेस्ला की भारत में एंट्री: मुंबई और दिल्ली में नए शोरूम की नई शुरुआत

टेस्ला की भारत में एंट्री: मुंबई और दिल्ली में नए शोरूम की नई शुरुआत

अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला (Tesla) ने आखिरकार भारत में अपने पहले शोरूम के लिए जगह पक्की कर ली है। यह शोरूम मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स (BKC) में स्थित होगा, जो देश का एक प्रमुख व्यावसायिक और रिटेल हब है। यह कदम भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) सेक्टर को और मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत है। लंबे समय से टेस्ला की भारत में एंट्री को लेकर अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन अब कंपनी ने अपने पहले शोरूम की स्थापना के लिए किराए पर जगह ले ली है।

 

मुंबई में पहला टेस्ला शोरूम: कहां और कितना किराया?

 

टेस्ला का पहला शोरूम मेकर मैक्सिटी बिल्डिंग, बीकेसी, मुंबई में होगा। यह जगह हवाई अड्डे के नजदीक है और इसे एक हाई-प्रोफाइल बिजनेस और रिटेल स्पेस माना जाता है। कंपनी ने यह जगह पांच साल के लिए लीज पर ली है, जिसमें हर साल किराया बढ़ता जाएगा।

 

  • पहले साल का किराया लगभग ₹3.3 करोड़ ($446,000) होगा।

  • हर साल किराए में 5% की वृद्धि होगी।

  • पांचवें साल तक किराया ₹4 करोड़ ($542,000) तक पहुंच जाएगा।

यह शोरूम करीब 5,000 वर्ग फुट क्षेत्र में फैला होगा और टेस्ला के ग्राहकों के लिए बिक्री और सर्विसिंग का केंद्र बनेगा।

 

नई दिल्ली में भी खुलेगा शोरूम

 

मुंबई के बाद, टेस्ला भारत की राजधानी नई दिल्ली में भी अपना दूसरा शोरूम खोलने की योजना बना रही है। इस शोरूम को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास, एयरोसिटी इलाके में स्थापित किया जाएगा। एयरोसिटी दिल्ली का एक बड़ा कारोबारी और खुदरा क्षेत्र है, जहां बड़े होटल, लग्जरी ब्रांड्स और कॉर्पोरेट ऑफिस मौजूद हैं। नई दिल्ली का शोरूम भी मुंबई के शोरूम के समान आकार (5,000 वर्ग फुट) का होगा।

 

भारत में टेस्ला की रणनीति और योजनाएँ

 

टेस्ला की भारत में एंट्री का मुख्य उद्देश्य आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री करना है। हालांकि, कंपनी की भविष्य की योजना भारत में स्थानीय उत्पादन और असेंबलिंग प्लांट लगाने की भी हो सकती है। टेस्ला ने भारत में 13 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिनमें स्टोर मैनेजर, सेल्स स्टाफ, बैक-एंड सपोर्ट और अन्य तकनीकी भूमिकाएँ शामिल हैं।

इसके अलावा, टेस्ला सरकार की इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी और आयात शुल्क को लेकर भी बातचीत कर रही है। भारतीय सरकार चाहती है कि टेस्ला भारत में कारें बनाए, जिससे देश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा मिले और स्थानीय रोजगार उत्पन्न हो।

 

टेस्ला की भारत में एंट्री क्यों अहम है?

 

भारत में इलेक्ट्रिक कारों की माँग तेजी से बढ़ रही है। सरकार भी ग्रीन एनर्जी और इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ चला रही है। इस समय भारतीय बाजार में टाटा मोटर्स, महिंद्रा और एमजी मोटर्स जैसी कंपनियाँ पहले से ही इलेक्ट्रिक कारें बेच रही हैं। टेस्ला के आने से इस सेक्टर में प्रतिस्पर्धा और बढ़ेगी और ग्राहकों को नए और एडवांस टेक्नोलॉजी वाली कारें मिलेंगी।

टेस्ला की मॉडल 3 और मॉडल Y कारें भारतीय बाजार में सबसे पहले आने की संभावना है। हालांकि, ये कारें शुरू में आयात की जाएंगी, जिससे इनकी कीमत ज्यादा हो सकती है। लेकिन यदि टेस्ला भारत में मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाती है, तो कीमतें कम हो सकती हैं और ज्यादा ग्राहकों तक टेस्ला की पहुंच बन सकती है।

 

टेस्ला का मुंबई और दिल्ली में शोरूम खोलना

 

टेस्ला का मुंबई और दिल्ली में शोरूम खोलना भारत के इलेक्ट्रिक व्हीकल सेक्टर में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। यह न सिर्फ टेस्ला की भारत में सीधी एंट्री को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारतीय बाजार में इलेक्ट्रिक कारों का भविष्य उज्ज्वल है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि टेस्ला की गाड़ियाँ भारतीय ग्राहकों के बीच कितनी लोकप्रिय होती हैं और कंपनी आगे किस तरह से अपनी रणनीति को आगे बढ़ाती है।

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