
पाकिस्तान का इकलौता जिला जहाँ हिंदू आबादी मुसलमानों से ज्यादा है
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Manjushree
- May 14, 2025
पाकिस्तान के सिंध प्रांत का जिला जहाँ आज भी हिंदुओं का दबदबा
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में मुसलमानों की जनसंख्या अधिक है। लेकिन ऐसा जिला पाकिस्तान है जो सबसे ज़्यादा हिंदू आबादी वाला है। इस जिले में एक मंदिर है, जहाँ प्रतिदिन पूजा-अर्चना होती है। यहाँ हिंदुओं की तूती बोलती है और यहां मुसलमान तक गाय नहीं काट सकते हैं।
पाकिस्तान का हिंदू बहुल जिला
पाकिस्तान मुस्लिम बहुल देश है लेकिन एक ऐसी भी जगह है जहाँ मुसलमानों से ज्यादा हिंदू समुदाय के लोग अधिक संख्या में रहते हैं। यह जगह पाकिस्तान के सिंध प्रांत में है, जिसे हिंदू बहुल जिला कहा जाता है। यह हिंदू जनसंख्या का एक छोटा हिस्सा है, लेकिन यह सांस्कृतिक और सामाजिक महत्ता के लिए जाना जाता है।
पाकिस्तान में हिंदू अल्पसंख्यक
साल 2017 की जनगणना के मुताबिक पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी करीब 45 लाख थी। दूसरे शब्दों में कहें तो पाकिस्तान की कुल आबादी में हिंदू महज 2.14 फीसदी ही हैं। वहीं, मुस्लिम आबादी 96.47 फीसदी है। एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान हिंदू समुदाय की कुल संख्या लगभग 39 लाख है। पाकिस्तान में हिंदुओं के जबरन धर्म परिवर्तन, हिंदू युवतियों का अपहरण और जबरन निकाह की घटनाएं अक्सर दुनियाभर की मीडिया में सुर्खियों में रहती हैं।
पाकिस्तान में मिटती हिंदू विरासत
भारत-पाकिस्तान विभाजन से पहले पाकिस्तान में मुसलमानों के अलावा कई हिंदू भी रहते थे। वहां के हिंदुओं ने मंदिरों का निर्माण करवाया था। लेकिन धीरे-धीरे समय के साथ उन मंदिरों का अस्तित्व मिटा दिया गया और अब यहाँ कुछ ही मंदिर स्थापित हैं। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदुओं की जनसंख्या सबसे अधिक है जहाँ लगभग 93% हिंदू रहते हैं। सिंध के उमरकोट, थारपारकर, मीरपुरखास और संघर जिला हिंदू बहुल क्षेत्र कहलाता है।
पाकिस्तान का इकलौता हिंदू बहुल जिला
पाकिस्तान का थरपारकर जिला जो हिंदू बहुल जिला है। थरपारकर जिला ऐसा है, जहाँ आज भी हिंदुओं की तूती बोलती है, यानी हिंदुओं का दबदबा है। भारतीय स्वतंत्रता से पहले इसे थार और पारकर (1901-1947) या पूर्वी सिंध सीमांत जिला (1860-1901) के नाम से जाना जाता था। पाकिस्तान के सिंध प्रांत के थरपारकर जिले के इस्लामकोट शहर में स्थित एक आश्रम है, जिसे संत नेनूराम आश्रम के नाम से जाना जाता है। यह पाकिस्तान हिंदू समुदाय के सबसे पूज्यनीय मंदिरों में से एक है। यह जिला मुख्यालय मिठी से 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह आश्रम 10 एकड़ भूमि में फैला हुआ है, जिसमें मंदिर और विश्राम स्थल शामिल हैं। इसे हिंदू संत संत नेणूराम ने बनाया था। यहाँ रोजाना पूजा-पाठ के अलावा जरूरतमंदों को भोजन भी खिलाया जाता है। संत नेणूराम जी ने आश्रम में एक सामुदायिक रसोई बनाई थी, जहाँ सभी को जाति और धर्म की परवाह किए बिना भोजन परोसा जाता था। आश्रम में आने वाले लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिए वे घर-घर जाकर अन्न एकत्र करते थे। यह प्रथा आज भी कायम है। आश्रम में पाकिस्तान हिंदू समुदाय भोजन पकाने के लिए खाद्य सामग्री साथ लेकर आते हैं।
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