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उद्धव ठाकरे की रणनीतिक डिनर बैठक और BMC तैयारी

उद्धव ठाकरे की रणनीतिक डिनर बैठक और BMC तैयारी

महाराष्ट्र में चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे का ‘सीक्रेट’ डिनर: क्यों जुटे थे विधायक‑सांसद?


महाराष्ट्र की राजनीति गर्मागर्म हो चुकी है और इसके बीच शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार रात एक ‘सीक्रेट डिनर’ आयोजित किया जिसमें पार्टी के सांसद और विधायक शामिल हुए। यह बैठक मुंबई के बांद्रा स्थित ताज लैंड्स एंड होटल में हुई, जहां ऑक्टूबर–नवंबर 2025 में होने वाले ब्रिहन्मुंबई नगर निगम (BMC) चुनाव की रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई ।


बैठक का मकसद और माहौल


बैठक का मुख्य विषय स्थानीय चुनावों की तैयारी था, जिसमें सभी नेता सक्रिय भूमिकाओं के लिए तैयार किए गए। उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सांसद‑विधायक अपने क्षेत्रों में जनता के बीच जाएंगे, बूथ‑स्तर की योजना बनाएंगे, वोटर अपडेट करेंगे और युवा भागीदारी को बढ़ावा देंगे । उन्होंने कहा कि यह समय बीजेपी‑शासित सरकारों के खिलाफ एकजुट होकर काम करने का है और सड़क से लेकर केंद्र तक जनता के मुद्दे (जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि संकट, पारदर्शिता) उठाए जाएं ।


मनसे एवं गठबंधन की रणनीति


बैठक में राज ठाकरे की नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के साथ संभावित गठबंधन की चर्चाएँ भी हुईं। उद्धव ने स्पष्ट संदेश दिया कि BMC चुनाव में स्वतंत्र रूप से लड़ने की तैयारी है, लेकिन रणनीतिक गठबंधन भी खुले मन से देखा जाएगा। इसी बीच, सत्ताधारी भाजपा के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की MNS प्रमुख राज ठाकरे से बैठक ने राजनीतिक हवा में राजभारी फेराब देखा है.


महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा

  • किसानों के सवाल – आमदनी, कर्जमाफी में देरी जैसी समस्याओं को विधायक‑सांसदों ने उठाया।
  • महिला सशक्तिकरण – बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को प्रशंसा दी गई और इसे शिवसेना की सकारात्मक पहल बताया गया।
  • संसदीय लोकतंत्र – सांसदों ने केंद्रीय सरकार के दौरान संसद में विपक्ष के बोलने के अवसर सीमित होने की शिकायत साझा की।


संगठनात्मक मजबूती और भविष्य की तैयारी


उद्धव ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं को कम से कम 300 परिवार प्रति वार्ड तक पहुंचने का लक्ष्य दिया और बूथ‑स्तर पहचान मजबूत करने को कहा. साथ ही, पार्टी नेतृत्व ने नए ‘द्रोहियों’ की पहचान और उनसे निपटने की रणनीति तैयार की—जिसका संकेत था कि सांसदों को वरिष्ठ सदस्यता के लिए ‘निष्ठा हलफनामे’ भरवाए गए थे ।


महाराष्ट्रीय राजनीति पर असर


यह बैठक महाविकास अघाड़ी की राजनीति में शिवसेना (UBT) की सशक्त वापसी का संकेत है। विपक्ष में मौजूद पार्टी केंद्रीय और राज्य स्तर पर भाजपा‑शिंदे गुट के ढांचे को चुनौती देने की योजना बना रही है. राज ठाकरे के साथ संभावित बातचीत ने स्थानीय जनमानस में ‘मराठी अस्मिता’ को साधने की रणनीति को तवज्जो दी, जिससे भाजपा‑शिंदे गुट पर दबाव बढ़ने की संभावना है ।

उद्धव ठाकरे का यह ‘सीक्रेट डिनर’ सिर्फ राजनीतिक जमघट नहीं था, बल्कि जोरदार रणनीतिक हस्तक्षेप था। BMC चुनावों से लेकर किसान‑महिला सशक्तिकरण, संसदीय मुद्दों पर आवाज उठाने और संगठनात्मक एकता तक—इस बैठक ने शिवसेना (UBT) की प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ कुर्बानी‑भरी तैयारी स्पष्ट रूप से दिखाई। अब सवाल यह है—क्या शिवसेना (UBT) MNS से गठबंधन कर मजबूत साझा मोर्चा बना पाएगी, या अकेले चुनाव मैदान में उतरकर बीजेपी—शिंदे गुट की चुनौती को पीछे छोड़ पाएगी?

 

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