
भारतीय सेना में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस की क्या भूमिका
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Renuka
- May 12, 2025
सेना में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस की भूमिका
भारत पाकिस्तान तनाव को लेकर अब सीजफायर रोकने की मंजूरी हुई. पाकिस्तान के DGMO ने पहल कर भारत के DGMO से युद्द रोकने के लिए का दोपहर 3.30 पर बात की थी. भारत पाकिस्तान के बीच DGMO 12 मई 12 बजे पुनः बात होगी. दोनों देशों के सीजफायर सहमति के बाद DGMO शब्द व यह पद दोनों चर्चा का विषय बना हुआ है. आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान की सेनाओं में डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) का पद बहुत विशेष है. ये किसी भी सेनाओं के वे अधिकारी होते हैं जो युद्ध, सीमा पर चल रहे तनाव, और सैन्य रणनीति को संभालते हैं. हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के DGMOs ने हॉटलाइन पर बात कर सीजफायर की बात सहमति दी थी. आइए हम बताते है DGMO से जुड़ी कुछ जानकारी जिनका भारतीय सेना में अहम भूमिका होती है.
1. DGMO का रैंक
भारतीय सेना का DGMO एक सीनियर लेफ्टिनेंट जनरल 3-स्टार रैंक का अधिकारी पद पर कार्यरत होता है,जो सेना के बड़े ऑपरेशंस की योजना बनाता है. वह सेना प्रमुख (Army Chief) को रिपोर्ट करता है और भारतीय जल, थल, नभ सैन्य विभागों के बीच तालमेल बैठाता है.
2. DGMO का सेना में भूमिका
भारतीय सेना में DGMO का काम युद्ध,आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन और शांति मिशनों की रणनीति की योजना बनाना होता है. भारतीय नियंत्रण रेखा (LoC)पर तनाव को कम करना, गोलीबारी रुकवाना होता है. DGMO सैन्य खुफिया जानकारी को समझना और सेना को तैयार रखने का काम होता है.ऑपरेशन सिंदूर के दौरान जब भारत ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों पर हमले को तबाह किया जिसमें करीब,100 आतंकी के मारे जाने की खबर आई थी. भारतीय DGMO ने पाकिस्तानी DGMO से बात कर तनाव को कम करने में अहम भूमिका निभाई.
3. कैसे बनते हैं DGMO?
DGMO के पद के लिए सालों का अनुभव चाहिए. भारतीय सेना में DGMO का पद केवल लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के ऑफिसर को दिया जाता है. जिसका योगदान देश के बड़े ऑपरेशन संभाले हों. DGMO को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी(NDA) या नेशनल डिफेंस कॉलेज (NDC)से ट्रेनिंग awashyaky है.
4.DGMO की नियुक्ति
DGMO का चुनाव भारतीय सेना में सेना प्रमुख और रक्षा मंत्रालय मिलकर करते हैं.इसके लिए कोई ओपन भर्ती या एग्जाम नहीं होता है.सेना मुख्यालय में सीनियर अफसरों की सलाह और उम्मीदवार के रिकॉर्ड को देखकर यह अहम निर्णय लिया जाता है.अधिकारियों के सेना से जुड़े बड़े आपेरेशन के अनुभव,नेतृत्व और रणनीति बनाने की काबिलियत को परखा जाता है
5.भारतीय सेना का वर्तमान DGMO
अभी भारतीय सेना के DGMO लेफ्टिनेंट जनरल प्रतीक शर्मा जी हैं. प्रतीक जी को 1 जुलाई 2023 को DGMO बनाया गया था.इससे पहले उन्होंने खरगा कॉर्प्स का नेतृत्व किया था और LoC पर कई ऑपरेशंस के भागीदार रहें.
6. DGMO की मासिक वेतन
भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के लिए 7वें वेतन आयोग के हिसाब से बेसिक सैलरी ₹1,82,200 से ₹2,24,100 प्रति माह तक होती है. और भत्ते मिलाकर करीब ₹2.5 लाख से ₹3 लाख वेतन होते हैं.
ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves
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