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दमिश्क चर्च में आत्मघाती हमला: 22 की मौत, ISIS संदेह

दमिश्क चर्च में आत्मघाती हमला: 22 की मौत, ISIS संदेह

दमिश्क के बाहरी इलाके में चर्च बम ब्लास्ट: 22 मरे, दर्जनों घायल


रविवार शाम को दमिश्क-सबर्ब्स स्थित डवैल'आ (Dweil’a) में ग्रीक ऑर्थोडॉक्स चर्च, मार एलियास चर्च (Mar Elias Church) पर एक भीषण आत्मघाती हमला हुआ। प्रार्थना के बीच घुसे एक व्यक्ति ने पहले गोलियां चलाई और फिर एक विस्फोटक बेल्ट से खुद को उड़ाकर कम से कम 22 लोगों की जान ले ली, जबकि 63 अन्य घायल हो गए—यह जानकारी सीरिया की स्वास्थ्य मंत्रालय व राज्य मीडिया ने दी


कैसे हुआ हमला?

 

विस्फोटक आत्मघाती हमलावर चर्च में दाखिल हुआ, जहां लगभग 150–350 भक्त प्रार्थना में व्यस्त थे । उसने गोलीबारी शुरू की, जिससे चर्च परिसर में भगदड़ मच गई। भक्तों द्वारा उसे रोका गया, इसके बाद उसने विस्फोटक बेल्ट सक्रिय किया। संभवतः दूसरा हमलावर भी मौजूद था, जिसने बाहर से गोलियां चलाई और ग्रेनेड भी फेंके, हालांकि कहानी में विविधता है ।


दृश्य और शुरुआती प्रतिक्रिया


चर्च के अंदर का दृश्य भयावह बताया गया—बेंचें छिन्न-भिन्न, खून से सना फ़र्श, और घायल और मृत के बीच हाहाकार मची रही । एक चश्मदीद फादी घट्टास ने ज़ोर देकर कहा, “यहाँ लगभग 350 लोग प्रार्थना कर रहे थे,” जबकि अन्य ने बताया कि बच्चों को भी लक्षित किया गया. क्षणिक अराजकता और तेज़ सीरन की आवाज़ों से पूरा इलाका दहल उठा।


जिम्मेदारी किसकी?


सुरक्षा मंत्रालय के अनुसार, इस हमले में आईएसआईएस (Islamic State) का हाथ था. हालांकि, समूह ने अभी तक आधिकारिक तौर पर दावा नहीं किया है। यह हमला इस दृष्टि से भी चिंताजनक है कि यह आत्मघाती विस्फोट का पहला ऐसा हमला माना जा रहा है—जिसमें विदेशी-विरोधी या अल्पसंख्यक लक्ष्य थे—उसके बाद जब से बशर अल-असद दिसम्बर 2024 में सत्ता से हटे और अहमद अल-शर्रा (Ahmad al‑Sharaa) के नेतृत्व में अस्थायी सरकार बनी.


सरकार और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया


इन्टेरियर मिनिस्टर व इनफॉर्मेशन मिनिस्टर ने इसे “कायरतापूर्ण आतंकवादी हमला” करार दिया और धार्मिक शिक्षाओं का अपमान बताया. यूएन विशेष दूत गेयर पेडर्सन ने “गंभीर अपराध” करार देते हुए, पूरी जांच की मांग की । इसके अलावा, तुर्की, ग्रीस, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात और लेबनान सहित कई देशों ने कड़े शब्दों में निंदा की ।


व्यापक परिदृश्य—सुरक्षा और चेतावनी


यह हमला सीरिया में आईएस के संभावित स्लीपर सेल्स की सक्रियता का संकेत मानकर सराहनीय चिंता का विषय बना हुआ है. अस्थायी सरकार जो अल्पसंख्यकों की सुरक्षा व साम्प्रदायिक संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रही थी, उसे यह हमला झटका लगा है। दायरे में एचटीएस (Hayat Tahrir al‑Sham) का नाम भी आता रहा है, क्योंकि उन्होंने आईएस के खिलाफ अभियान चलाए थे—लेकिन सुरक्षा का अब भी फूला-फूला नक्शा मुद्दा बना हुआ है.

 

एक झटके की सुबह


मर एलियास चर्च पर हुआ यह हमला न सिर्फ एक दुखद घटना है, बल्कि यह उस सुरक्षा की अस्थिरता और आईएस पुनरागमन की चेतावनी भी है। यह हमला वह पहला आत्मघाती हमला है जो धर्मस्थल में हुआ, और इसके बाद सीरिया में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर सवाल और गहर गए हैं। विश्व समुदाय की निगाह अब सीरिया के साथ है—वह सरकार का विश्वसनीय सहयोग करता है या फिर आईएस एक बार फिर से सक्रिय होकर अराजकता फैला देगा।

 

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