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"जरूरत पड़ी तो फिर हमला करेंगे" – ईरान को ट्रंप की दो टूक चेतावनी

 

ईरान और इजरायल की बीच 12 दिनों तक चले यद्ध संघर्ष के बाद सीजफायर हो चुका है। जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अहम भूमिका है। इस बीच ईरान को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ती है तो वह ईरान पर दोबारा हमला करने से नहीं हिचकिचाएंगे।

 

इजरायल और ईरान युद्ध के दौरान अमेरिका ने ईरान के तीन न्यूक्लियर साइट पर हमला किया था। इसके बाद से ट्रंप अपने विरोधियों के निशाने पर हैं। एक प्रोग्राम में शुक्रवार को यह पूछे जाने पर कि क्या वह आवश्यक समझे जाने पर फिर से ईरान के न्यूक्लियर साइट पर बमबारी करेंगे। इस पर डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, 'हां, जरूर बिना किसी सवाल के।'

 

अमेरिका और इजरायल की सबसे बड़ी चिंता यही है कि ईरान कहीं उत्तर कोरिया या पाकिस्तान की तरह परमाणु शक्ति संपन्न देश न बन जाए।  ईरान का परमाणु शक्ति के लिए वैश्विक स्थिरता के लिए बड़ा खतरा हो सकता है। हालांकि, ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई का दावा है कि कोई ठोस नुकसान नहीं हुआ, लेकिन अमेरिकी रक्षा विभाग है कि ईरान के न्यूक्लियर साइट को क्षति पहुंची है।

 

इजरायल -ईरान के जंग में 22 जून 2025 को हुई जब अमेरिका ने “ऑपरेशन मिडनाइट हैमर” के तहत ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों  फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हवाई हमला किया। इस ऑपरेशन में 125 से अधिक सैन्य विमान, 7 B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स और 30 से ज्यादा टोमाहॉक मिसाइलें इस्तेमाल की गईं।

 

एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि ट्रंप प्रशासन ईरान को 30 बिलियन डॉलर (करीब 2.57 लाख करोड़ रुपये) की सहायता देने और प्रतिबंधों में ढील देने की योजना बना रहा है। इस मामले में अब ट्रंप ने खबरों को सिरे से खारिज करते हुए अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, फेक न्यूज मीडिया में वह घटिया इंसान कौन है जो यह कह रहा है कि 'राष्ट्रपति ट्रंप ईरान को 30 अरब डॉलर देना चाहते हैं ताकि वह गैर-सैन्य परमाणु सुविधाएं बना सके.' मैंने इस बेहूदा बात के बारे में कभी नहीं सुना. यह एक और झूठ है जिसे फेक न्यूज के जरिए मेरी छवि को बदनाम करने के लिए फैलाया है, ये लोग बीमार हैं।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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