
ईरान ने ‘हार’ को बनाया ‘जीत’, नेतन्याहू-ट्रंप सवालों के घेरे में
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Priyanka
- June 26, 2025
जंग में पिटने के बावजूद ईरान और पाकिस्तान मना रहे 'विजय उत्सव', नेतन्याहू और ट्रंप सवालों में घिरे
युद्ध में भारी नुकसान झेलने के बावजूद ईरान पाकिस्तान की तरह खुद को 'विजेता' घोषित कर रहे हैं। ईरान ने इजरायल के खिलाफ मिसाइल हमले को 'ऑपरेशन ट्रू प्रॉमिस 3' और पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जवाबी कार्रवाई को 'ऑपरेशन बुनियान-अल-मरसूस' करार दिया है। लेकिन असलियत इससे बिल्कुल अलग है।
तेहरान से लाहौर तक 'विजय उत्सव' का माहौल
तेहरान के इंकलाब चौक पर हजारों लोग जुटे — हाथों में झंडे, खामेनेई की तस्वीरें और अमेरिका-इजरायल के खिलाफ नारे। इस तरह का नजारा सिर्फ तेहरान में नहीं बल्कि पूरे ईरान में देखने को मिला, जहां जनता कथित जीत का जश्न मना रही है।
यह बिल्कुल वैसा ही था जैसा पाकिस्तान ने 11 मई को 'यौम-ए-तशक्कुर' के रूप में मनाया, जबकि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान और POK में आतंकियों के 9 ठिकानों को ध्वस्त कर दिया था। भारत की कार्रवाई में 10 से 11 एयरबेस तबाह हुए, 160 से अधिक आतंकी मारे गए, और पाकिस्तान सीजफायर के लिए अमेरिका के आगे झुक गया।
ईरान की सैन्य तबाही और प्रोपेगेंडा
12 दिनों तक चले इजरायल-ईरान युद्ध में ईरान को बड़ा सैन्य नुकसान हुआ। इजरायल ने ईरान के 8-10 परमाणु वैज्ञानिकों को मार दिया, और नतांज, फोर्डो व इस्फहान जैसे अहम परमाणु ठिकानों को अमेरिकी B-2 बमवर्षकों से तबाह कर दिया।
650 से 1000 मौतें, एयरस्पेस पूरी तरह खुला, और दुश्मन जब चाहें तब हमला कर रहे थे — इसके बावजूद ईरान की सरकार इसे 'जीत' बता रही है। हिज़्बुल्लाह और हौती जैसे प्रॉक्सी ग्रुप इस अभियान को इजरायल की हार करार दे रहे हैं।
नेतन्याहू और ट्रंप कटघरे में
इजरायल की ओर से की गई बमबारी के बाद अमेरिकी मीडिया ने पेंटागन की खुफिया रिपोर्ट लीक की जिसमें कहा गया कि ईरान का एनरिच्ड यूरेनियम और सेंट्रीफ्यूज बचा हुआ है। व्हाइट हाउस ने इसे फेक न्यूज़ बताया लेकिन पेंटागन के निष्कर्षों को स्वीकारा।
इस विवाद के बीच डोनाल्ड ट्रंप ने नेतन्याहू के समर्थन में बयान दिया और उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार मामलों को "विच हंट" कहा। उन्होंने आरोपों को "हास्यास्पद" बताते हुए नेतन्याहू को क्षमा देने की मांग की। ट्रंप ने लिखा, "बीबी (नेतन्याहू) के खिलाफ सिगार और बग्स बनी जैसी बातों पर केस चलाना शर्मनाक है।"
राजनीति बनाम युद्ध: असल मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश?
ईरान और पाकिस्तान दोनों ने युद्ध में हार के बावजूद राष्ट्रीय गौरव को बचाने के लिए "विजय" का दावा किया। यह प्रचार रणनीति है जिसका मकसद है जनता का मनोबल बनाए रखना और शासन की अजेय छवि पेश करना।
वहीं अमेरिका और इजरायल के नेताओं पर सवाल उठ रहे हैं — क्या वाकई उन्होंने दुश्मन की ताकत को कुचल दिया या ये सिर्फ एक राजनीतिक नौटंकी थी?
जंग के मैदान में हार को 'विजय' बनाकर पेश करने की ये रणनीति मध्य-पूर्व और दक्षिण एशिया की पुरानी परंपरा रही है। ईरान और पाकिस्तान इस राह पर चल पड़े हैं, लेकिन अब सोशल मीडिया और वैश्विक मीडिया के जमाने में सच को ज्यादा दिन छुपाना मुश्किल है।
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