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खामेनेई का सत्ता में रहना मुश्किल है- डोनाल्ड ट्रंप, बोले मेक ईरान ग्रेट अगेन ( MIGA!!!)

खामेनेई का सत्ता में रहना मुश्किल है- डोनाल्ड ट्रंप, बोले मेक ईरान ग्रेट अगेन ( MIGA!!!)

शनिवार रात ‘ऑपरेशन मिडनाइट हैमर’ से ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिका के हमले से यह साफ हो गया है कि वह भी इजरायल के साथ इस जंग में कूद गया है। डोनाल्ड ट्रंप सरकार का अब पीछे हटने की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही। अमेरिका के परमाणु ठिकानों पर हमला करने के बाद ईरान ने यूएन की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई थी। उसने इस मीटिंग में अमेरिका को खुली चेतावनी दी है।

 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को जो संदेश दिया, हमला न केवल ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के लिए सीधा इशारा था, बल्कि पूरी दुनिया के लिए यह संकेत था कि अमेरिका अब ईरान के ‘रेजिम चेंज’ यानी सत्ता परिवर्तन की तरफ भी बढ़ सकता है।

 

डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर लिखा, ‘अगर मौजूदा ईरानी सरकार ईरान को फिर से महान नहीं बना सकती, तो फिर सत्ता परिवर्तन क्यों नहीं होना चाहिए? MIGA!!! (Make Iran Great Again)’. जबकि अमेरिका के रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने कहा था कि अमेरिका की सैन्य कार्रवाई का मकसद ‘सत्ता परिवर्तन’ नहीं है। हालांकि ट्रंप का यह पोस्ट से जाहिर है कि वॉशिंगटन अब खामोश नहीं बैठेगा।

ईरान-इजरायल के जंग के दसवें दिन अमेरिका सीधे तौर पर इसमें शामिल हो चुका है और उसने ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकाने फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर हमला किया है। इस हमले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। जिसमें उन्होंने अमेरिका सेना को हमले की बधाई दी. ट्रंप ने कहा , हमने उनके परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया, अब ईरान को शांति के रास्ते पर आना चाहिए।

 

अमेरिका ने ईरान पर हमले में कई बड़े हथियारों का इस्तेमाल किया जैसे पहला - बी-2 स्टील्थ बॉम्बर्स जो दुनिया का सबसे घातक और अदृश्य बमवर्षक विमान। इसने हमला किया बिना रडार पर आए। दूसरा - जीबीयू-57ए/बी जिसे ‘बंकर बस्टर बम’ कहा जाता है। यह जमीन के 60 मीटर नीचे छिपे बंकर को भी तबाह कर देता है। फोर्डो जैसे भूमिगत न्यूक्लियर ठिकानों पर इसी से वार हुआ। तीसरा - टॉमहॉक मिसाइलें जो 1,500 किमी दूर से निशाना साध सकती हैं। इस्फहान में मिसाइल कारखानों को उड़ाया गया। चौथा - एमक्यू-9 रीपरड्रोन जो बिना पायलट के उड़ते हैं, लेकिन इनकी मारक क्षमता एक लड़ाकू विमान जैसी है। नतांज में ड्रोन से सटीक हमले किए गए।

 

13 जून को इजरायल ने ईरान पर हमला किया था, ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। उसके बाद अमेरिका ने ईरान को शांति के रास्ते पर लाने के लिए सरेंडर करने को कहा, पर ईरान पीछे हटने वाला नहीं था। डोनाल्ड ट्रंप के तरफ से जारी बयां में कहा कि हम ईरान पर हमले को लेकर दो हफ्ते बाद बताएँगे, लेकिन दो हफ्ते को दो दिन में बदल कर ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला किया। दो हफ्ते यानि दो दिन दरअसल ये डोनाल्ड ट्रंप का एक कोड बताया जा रहा है। 

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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