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12-दिवसीय इजराइल–ईरान युद्ध: नुकसान और परिणाम

12-दिवसीय इजराइल–ईरान युद्ध: नुकसान और परिणाम

मध्य-पूर्व की 12-दिवसीय जंग: जानवरों से लेकर शहरों तक – कितने झंझावात, कितना नुकसान?

 

13 जून 2025 को इजरायल ने "ऑपरेशन राइजिंग लायन" शुरू किया - 200+ लड़ाकू विमानों द्वारा ईरान के नतांज, फोर्डो, इश्फहान जैसे परमाणु ठिकानों, सैन्य अड्डों और मिसाइल उत्पादन केंद्रों पर बमबारी की। इसके जवाब में ईरान ने 450+ मिसाइलें व 1000 ड्रोन से इजरायल पर हमला किया, जिससे तेल अवीव, हाइफ़ा और बीर शेवा गंभीर रूप से प्रभावित हुए। 22 जून को अमेरिका ने "ऑपरेशन मिडनाइट हैमर" के तहत ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया ।


मानवीय हानि


ईरान: 657–800 हत्याएँ, जिनमें ~263 नागरिक शामिल; 1800–3056 घायल

इसमें IRGC के शीर्ष कमांडर, 6 प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक और कई नागरिक (जैसे ताजरिश स्क्वायर में 12 की मौत)।

इजरायल: 24–30 नागरिक मारे गए; 300–600 घायल, खासकर बटयम में 9 की मौत (3 बच्चे), तमरा में 4 महिलाओं की जान गई ।


सैन्य और भौतिक क्षति


ईरान में: नतांज में ~15,000 सेंट्रीफ्यूज नष्ट, फलस्वरूप यूरेनियम संवर्धन कार्यक्रम ठप ।

फोर्डो और पार्चिन समेत मिसाइल/वायु रक्षा सुविधायें क्षतिग्रस्त ।


इजरायल में: तेल अवीव में कैंप मोशे दयान, रक्षा मंत्रालय, नेवातिम एयरबेस, Microsoft Tech Park जैसे संवेदनशील ठिकानों को नुकसान ।


आर्थिक तबाही


ईरान: अनुमानित $150–200 बिलियन का नुकसान


इजरायल: लगभग $12 बिलियन का घाटा; दैनिक लागत कई लाख डॉलर (जनरल डिफेंस + इंटरसेप्शन खर्च) ।

अमेरिका की मदद से मालूम हुआ कि सिर्फ Iron Dome, David’s Sling और Arrow सिस्टम से रक्षा में लाखों खर्च हो रहे हैं


वैश्विक प्रभाव

  • तेल की कीमतें बढ़ीं, क्योंकि Strait of Hormuz के जोखिम से आपूर्ति बाधित हुई ।
  • स्टॉक मार्केट और निवेश में झटका; बाजार में अस्थिरता ।
  • क्रेडिट रेटिंग पर असर: इज़राइल की रेटिंग डाउनग्रेड हुई क्योंकि बजट घाटा बढ़ा (~8% जीडीपी), निवेश गिरा ।


संघर्ष से समझौते की दिशा


24 जून को यूएस-सलाह द्वारा ceasefire लागू हुआ, जिससे धीमी सी राहत मिली लेकिन मिसाइलों की कुछ ताज़ा घुमक्कड़ कार्रवाई से स्थिति तनावपूर्ण बनी. संयुक्त राष्ट्र, चीन व यूरोपीय देश मध्यस्थता कर रहे हैं ताकि किसी भी स्थिति में ओरवा उभरती जंग रोकी जा सके ।

 

  • मानव-धन की भारी क्षति: सैकड़ों मौतें, हजारों घायल, शहरों व परमाणु सुविधाओं की बर्बादी।
  • आर्थिक बोझ: अरबों डॉलर का नुकसान, रक्षा खर्च, बाजारों पर असर।
  • भविष्य: शुरुआती कमी आने वाली है पर तनाव और प्रतिक्रिया बनी रहेगी।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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