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कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने गीता पर हाथ रखकर ली शपथ

कनाडा की विदेश मंत्री अनीता आनंद ने गीता पर हाथ रखकर ली शपथ

कनाडा की नई विदेश मंत्री अनीता आनंद ने भगवद गीता पर हाथ रखकर ली शपथ

 

कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने भारतीय मूल की अनीता आनंद को विदेश मंत्री नियुक्त किया। इस नियुक्ति के साथ ही अनीता आनंद ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया, जब उन्होंने पद और गोपनीयता की शपथ पवित्र हिंदू ग्रंथ भगवद गीता पर हाथ रखकर ली। यह घटना कनाडा के राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर मानी जा रही है, क्योंकि अनीता आनंद कनाडा की पहली हिंदू महिला विदेश मंत्री बनी हैं।

 

भारतीय विरासत का सम्मान

 

अनीता आनंद का जन्म 20 मई, 1967 में नोवा स्कोटिया के केंटविल शहर में हुआ था। उनके पिता तमिलनाडु से और मां पंजाब से हैं। उनके माता-पिता दोनों डॉक्टर थे, जिन्होंने कनाडा में बसने का निर्णय लिया। अनीता ने टोरंटो विश्वविद्यालय में कानून की शिक्षा प्राप्त की और वहां प्रोफेसर के रूप में भी कार्य किया। राजनीति में कदम रखने से पहले वे एक वकील और शिक्षिका के रूप में जानी जाती थीं।

 

पद की शपथ और भविष्य की दिशा

 

अनीता आनंद ने शपथ ग्रहण समारोह में अपने हाथ में भगवद गीता रखकर पद की शपथ ली, जो उनके भारतीय धर्म और संस्कृति के प्रति सम्मान को दर्शाता है। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि वे कनाडा के लोगों के लिए एक सुरक्षित और निष्पक्ष दुनिया बनाने के लिए प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और उनकी टीम के साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हैं।

 

 

 

भारत से जुड़ाव

 

अनीता ने हमेशा अपनी भारतीय विरासत को गर्व से स्वीकार किया है। उन्होंने भारतीय संस्कृति और मूल्यों को अपने सार्वजनिक जीवन में प्रतिबिंबित किया है। विदेश मंत्री बनने के बाद, उन्होंने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी बधाई प्राप्त की है, जो भारत और कनाडा के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है

 

कनाडा में भारतीय समुदाय की बढ़ती भूमिका

 

अनीता आनंद की नियुक्ति से कनाडा में भारतीय मूल के लोगों की राजनीतिक भागीदारी और प्रभाव को बल मिलता है। इससे पहले, वे 2019 में ओकविल से सांसद चुनी गई थीं और 2021 से 2023 तक रक्षा मंत्री के रूप में कार्य कर चुकी हैं। उन्होंने जस्टिन ट्रूडो और मार्क कार्नी की सरकारों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है, जिनमें रक्षा मंत्री, ट्रेजरी बोर्ड अध्यक्ष, और परिवहन मंत्री शामिल हैं

 

अनीता आनंद की विदेश मंत्री के रूप में नियुक्ति न केवल कनाडा की विविधता और समावेशिता को दर्शाती है, बल्कि यह भारत और कनाडा के बीच संबंधों को और भी मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी यात्रा एक प्रेरणा है, जो यह सिद्ध करती है कि भारतीय मूल के लोग वैश्विक मंच पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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