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ईरान के लिए होर्मुज बंद करना विनाशकारी साबित हो सकता है, पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने कहा

ईरान के लिए होर्मुज बंद करना विनाशकारी साबित हो सकता है, पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने कहा

 

ईरान और इजरायल के बीच जंग और तेज होती जा रही है। अमेरिका की ओर से ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद युद्द और भी चरम पर पहुंच गया है। इस बीच अंदेशा हैं कि ईरान अपने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद कर सकता है औऱ उसकी ओर से लगातार ये धमकियां दी जा रही हैं, जो कि पूरी दुनिया के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा। अमेरिकी पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने बड़ा दावा किया है और कहा है कि ये ईरान के लिए खुदकुशी जैसा होगा और खासतौर पर चीन उसे होर्मुज को प्रतिबंधित नहीं करने देगा।

 

अमेरिकी हमले के विरोध में ईरान होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ने वाले इस संकरे मार्ग से दुनिया में तेल का बड़ा कारोबार होता है। अगर यह बंद हुआ, तो पूरी दुनिया में तेल के भाव बढ़ जाएंगे। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने चीन से आग्रह किया कि वह ईरान को इस मार्ग को बंद करने से रोके। हालांकि, भारत के पास कई हफ्तों तक अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त तेल है।

 

ईरान के होर्मुज की नाकेबंदी पर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि भारत कई मार्गों से ऊर्जा आपूर्ति प्राप्त कर रहा है। बता दें कि भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और चौथा सबसे बड़ा गैस खरीदार है। पुरी ने कहा, 'सरकार दो हफ्तों से पश्चिम एशिया के हालात पर बारीक नजर रखे हुए है। पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम पिछले कुछ वर्षों में अपनी आपूर्ति में विविधता लाए हैं। अब हमारी अधिकांश आपूर्ति होर्मुज जलडमरूमध्य से नहीं आती। भारत के कुल 55 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) तेल आयात में से लगभग 20 लाख बीपीडी ही इस संकरे जलमार्ग से होकर आता है। हालांकि, भारत ने बीते कुछ साल में रूस, अमेरिका व ब्राजील जैसे अलग-अलग देशों से तेल आपूर्ति सुनिश्चित की है।'

 

एक रिपोर्ट के मुताबिक ईरान भले ही होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने की धमकी दे रहा हो, लेकिन पूर्व अमेरिकी पेंटागन अधिकारी माइकल रुबिन का कहना है कि यह कदम आत्मघाती होगा और वाशिंगटन से बीजिंग तक इसे अच्छी तरह से जानते हैं। अगर ईरान ने होर्मुज मार्ग बंद किया तो उसे काफी नुकसान होगा। उन्होंने कहा, एशिया में जाने वाला 44 प्रतिशत तेल इसी रास्ते से जाता है। इसका ज्यादा हिस्सा चीन को जाता है।

 

ईरान और इजरायल के बीच युद्ध बढ़ने से इराक, जॉर्डन, लेबनान, सीरिया व यमन सहित पश्चिम एशियाई देशों के साथ भारत के व्यापार पर व्यापक असर पड़ेगा। भारत इन्हें 8.6 अरब डॉलर का निर्यात और 33.1 अरब डॉलर का आयात करता है। होर्मुज मार्ग के बंद होने से माल ढुलाई भी बढ़ेगी। कच्चे तेल का हर चौथा जहाज यहीं से आता है। दुनियाभर में रोजाना 30% तेल की आपूर्ति यहीं से होती है।

 

दरअसल, ईरान के तीन परमाणु ठिकानों फोर्डो, नतांज और इस्फहान पर अमेरिका-इजरायल के हवाई हमलों के बाद तनाव बढ़ने के साथ ही तेहरान ने एक बड़ी चेतावनी जारी की है, जिसके तहत स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को कुछ ही घंटों में बंद किया जा सकता है।  

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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