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दुबई के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा: द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा

दुबई के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा: द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा

 

भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों को नई दिशा देगा शेख हमदान का दौरा

 

दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद अल मकतूम की शाही यात्रा 8-9 अप्रैल को भारत में नई दिल्ली में आगमन हो गया है। प्रिंस शेख हमदान (Prince Sheikh Hamdan) आधिकारिक दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM of India) से मुलाकात के साथ, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात करेंगे। मुंबई में भारत-यूएई संबंधों पर एक व्यापार सम्मेलन में भी भाग लेंगे। यह यात्रा भारत-यूएई (India-UAE) के रणनीतिक संबंधों को नई दिशा देगी और दोनों देशों के व्यापार और सांस्कृतिक सहयोग को आने वाले समय में मजबूती प्रदान करेगी।

 

भारत-यूएई के संबंधों को नया आयाम

 

विदेश मंत्रालय के अनुसार, परंपरागत रूप से भारत-यूएई संबंध के साथ भारत के वाणिज्यिक, सांस्कृतिक और लोगों के बीच आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यूएई में भारत के लगभग 4.3 मिलियन प्रवासी दुबई में रहते हैं और काम करते हैं। महामहिम क्राउन प्रिंस की यात्रा भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी और दुबई के साथ हमारे बहुआयामी संबंधों को मजबूत करेगी। और इस बातचीत से पारंपरिक और भविष्य के क्षेत्रों में भारत-यूएई आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग और मजबूत होंगे।

 

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दुबई के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा: द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा

भारत में यूएई निवेश और व्यापार का बढ़ता प्रभाव

 

भारत में यूएई का निवेश पहले ही काफी महत्वपूर्ण हो चुका है, विशेष रूप से तेल, गैस, और निर्माण उद्योगों में। शेख हमदान की यात्रा के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि व्यापारिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी और दोनों देशों के व्यापारियों के बीच नए समझौते और सहयोग के अवसर खुलेंगे।

 

नरेंद्र मोदी की यूएई यात्रा

 

यूएई से भारत की नई दौर की दोस्ती ने अगस्त 2015 में आकार लेना शुरू किया जब नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद पहली बार अरब देश का दौरा किया था। 1981 में इंदिरा गांधी की यात्रा के बाद 34 वर्षों में यूएई (UAE) की यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी।

 

दुबई के क्राउन प्रिंस की भारत यात्रा: द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की दिशा

भारत-यूएई और श्रीलंका: हिंद महासागर में नई ऊर्जा साझेदारी

 

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को 5 अप्रैल को जानकारी दी कि भारत और यूएई मिलकर श्रीलंका में एक ऊर्जा हब विकसित करने पर मंजूरी हुई है। यह कदम चीन की अरबों डॉलर की परियोजनाओं को चुनौती भी देगा। यह भारत के लिए खास है क्योंकि हिंद महासागर के द्वीप राष्ट्र (श्रीलंका) में चीन के साथ नई दिल्ली की प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। पीएम मोदी की श्रीलंका यात्रा के दौरान तीनों देशों ने ऊर्जा हब (energy hub)के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए।

 

शेख हमदान की आधिकारिक दौरे से आर्थिक और ऊर्जा सहयोग को और बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। वैश्विक ऊर्जा नेता के रूप में यूएई विशेषज्ञता को और निवेश क्षमता लेकर आता है। शेख मोहम्मद की अब तक की नीति संकेत देती है कि वह भारतीयों का बहुत सम्मान करते हैं और उन्हें अपने देश की प्रगति और समृद्धि की दिशा में काम करने वाला मानते हैं। अबू धाबी (Abu Dhabi) में हिंदू मंदिर और फिर सिख गुरुद्वारे को मंजूरी देना सहिष्णुता और सह-अस्तित्व का प्रतीक है। शेख हमदान भारत यात्रा का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भारत-यूएई-श्रीलंका (India-UAE-Sri Lanka) त्रिपक्षीय मंच का उदय हुआ है।

 

अधिक जानकारी के लिए विजिट करें - The India Moves

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