
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को लिखा पत्र
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Renuka
- November 19, 2024
Delhi : दिल्ली और उत्तर भारत में प्रदूषण (pollution) का संकट चरम पर है। और दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के हालात बेहद चिंताजनक हैं। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री (Delhi Environment Minister) गोपाल राय (Gopal Rai) ने इस गंभीर स्थिति का समाधान निकालने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Bhupendra Yadav) को एक पत्र लिखा है।
गोपाल राय ने लिखा पत्र
गोपाल राय (Gopal Rai) ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को एक पत्र (letter) लिखा है । जिसमें दिल्ली (Delhi) में बढ़ते प्रदूषण के गंभीर संकट पर चिंता जताई है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बेहद खतरनाक हो चुका है, और इसे नियंत्रित करने के लिए तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। इस संदर्भ में, उन्होंने कृत्रिम बारिश के माध्यम से प्रदूषण कम करने का सुझाव दिया है, ताकि दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार किया जा सके और नागरिकों को राहत मिल सके। साथ ही इस पत्र में राय ने प्रदूषण की गंभीरता को रेखांकित करते हुए केंद्र से कृत्रिम बारिश कराने की अपील की है। उनका कहना है कि- प्रदूषण का स्तर इतना अधिक हो चुका है कि इसे नियंत्रण में लाने के लिए किसी विशेष और त्वरित उपाय की आवश्यकता है, और कृत्रिम बारिश इस दिशा में एक प्रभावी कदम हो सकती है।
उत्तर प्रदेश पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि: गोपाल राय
बता दें कि गोपाल राय ने बताया कि- जबकि 2022 में उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की 15,000 घटनाएं दर्ज की गई थीं, अब यह संख्या बढ़कर 25,000 हो गई है। उन्होंने यह भी बताया कि- जहां पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में लगभग 80 प्रतिशत की कमी आई है, वहीं उत्तर प्रदेश में यह समस्या बढ़ी है। इस अंतर को उन्होंने दोनों राज्यों की सरकारों की नीतियों और प्रयासों के परिणाम के रूप में पेश किया। वर्क फ्रॉम होम के बारे में पूछे जाने पर राय ने कहा कि इस मुद्दे पर कोई भी निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।
कृत्रिम बारिश के प्रयास
दिल्ली (Delhi) और उसके आसपास के इलाके इन दिनों वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। इस संदर्भ में राजधानी में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू किया। जिसके तहत कई तरह के प्रतिबंध लागू किए गए हैं। वायु प्रदूषण की स्थिति को सुधारने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में एक सवाल के जवाब में दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने कहा कि- दिल्ली सरकार कृत्रिम बारिश (artificial rain) के लिए लगातार प्रयास कर रही है। यदि स्थिति और अधिक गंभीर होती है या आपातकालीन परिस्थितियां बनती हैं, तो कृत्रिम बारिश के विकल्प पर विचार किया जाएगा।
किस प्रकार की जाती है कृत्रिम बारिश ?
कृत्रिम बारिश (artificial rain) जिसे क्लाउड सीडिंग (Cloud Seeding) कहा जाता है। मौसम को नियंत्रित करने का एक वैज्ञानिक तरीका है। इस प्रक्रिया में छोटे विमानों का इस्तेमाल किया जाता है, जो बादलों के बीच से उड़ते हुए सिल्वर आयोडाइड, पोटेशियम आयोडाइड या शुष्क बर्फ (ठोस कार्बन डाइऑक्साइड) जैसे पदार्थों को वातावरण में छोड़ते हैं। इन पदार्थों के कारण बादलों में पानी की बूंदें बनने लगती हैं, जो फिर बारिश के रूप में धरती पर गिरती हैं। क्लाउड सीडिंग के द्वारा उत्पन्न की गई बारिश आमतौर पर प्राकृतिक बारिश की तुलना में अधिक तेज़ और प्रभावी होती है।
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