
बैंकॉक में मोदी-यूनुस की ऐतिहासिक बैठक
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Shweta
- April 5, 2025
बैंकॉक (Bangkok) में मोदी-यूनुस की ऐतिहासिक बैठक:
भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 4 अप्रैल 2025 को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जो कई मायनों में खास थी, ढाका में तख्तापटल के बाद पूर्व पीएम शेख हसीना (Sheikh Hasina) के भारत भागकर आने और यूनुस के नेतृत्व में नई अंतरिम सरकार (interim government) के बनने के बाद दोनों शीर्ष नेतृत्व के बीच पहली बैठक हुई। बैठक में पीएम मोदी ने बांग्लादेश के अंदर हिंदुओं सहित अल्पसंख्यकों की सुरक्षा को लेकर भारत की चिंताओं पर जोर दिया। दोनों नेता बिम्सटेक शिखर सम्मेलन (BIMSTEC Summit) के लिए थाईलैंड की यात्रा पर हैं और यहीं बैंकॉक (Bangkok) में दोनों के बी द्विपक्षीय बैठक हुई है। यह बैठक इसलिए भी ख़ास है क्योंकि शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद बांग्लादेश-भारत के तल्ख हुए रिश्ते, मुहम्मद यूनुस का चीन और पाकिस्तान के करीब दिखना, भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर यूनुस का विवादित बयान…. कई ऐसे फैक्टर हैं जो बताते हैं कि यह मुलाकत खास क्यों है।
पीएम मोदी (PM Modi) से मिलने को बेकरार थे मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus)

भले ही बांग्लादेश के अंतरिम लीडर मुहम्मद यूनुस लगातार भारत विरोधी स्टैंड दिखाते रहे लेकिन पीएम मोदी (PM Modi) से मुलाकात को लेकर बेकरार भी दिखे। वहां कि अंतरिम सरकार बैंकॉक (Bangkok) में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन (BIMSTEC Summit) के दौरान दोनों नेताओं के बीच पहली बार द्विपक्षीय वार्ता आयोजित करने की इच्छुक थी। बांग्लादेश को उम्मीद थी कि भारत की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद यह द्विपक्षीय वार्तो हो जाएगी।और ऐसा ही हुआ भी, हालांकि जब दोनों नेताओं की मुलाकात हुई तो पीएम मोदी गंभीर और शांत दिखे वही दूसरी तरफ यूनुस के चेहरे पर मुस्कान दिखी। पूर्व राजदूत अशोक सज्जनहार ने इस मुलाकात पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस बार दोनों नेताओं के बीच कोई गर्मजोशी या आपसी विश्वास नहीं दिखा। जिससे यह साफ हुआ कि बैठक का माहौल काफी औपचारिक था।
मुहम्मद यूनुस का चीन के साथ बढ़ता समीकरण
बांग्लादेश में शेख हसीना (Sheikh Hasina) की सरका क्या बदली, भारत से दूर अब वो चीन की गोद में जाता दिख रहा है। हाल ही में यूनुस ने बीजिंग में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से 28 मार्च को मुलाकात की थी, जो एक संकेत था कि बांग्लादेश ने भारत से अपनी प्राथमिकता को घटाकर चीन के साथ रिश्ते मजबूत करने का निर्णय लिया है। इससे पहले बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी ने यह तक कहा था कि यूनुस ने अपनी पहली राजकीय यात्रा के लिए चीन को चुना, और यह एक स्पष्ट संदेश था कि बांग्लादेश अब भारत से दूर होता जा रहा है।
भारत के पूर्वोत्तर राज्यों के बारे में यूनुस द्वारा विवादित बयान
मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) ने चीन में कह दिया था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्यों को "सात बहनें" (Seven Sisters) के रूप में जाना जाता है और यह क्षेत्र पूरी तरह से जमीन से घिरा हुआ है, जो बांग्लादेश के लिए महासागर तक पहुंचने का एक अवसर हो सकता है। इस बयान ने भारत को नाराज कर दिया और उसकी सुरक्षा के लिए नए सवाल खड़े कर दिए। इसके अलावा, बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच बढ़ते रिश्ते (Pakistan -Bangladesh Relations) भी एक और चिंता का विषय बन गए हैं। पाकिस्तान के साथ बांग्लादेश के रिश्ते (Pakistan -Bangladesh Relations) हमेशा ही तनावपूर्ण रहे हैं, लेकिन अब दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ रहा है, वीजा प्रतिबंधों में ढील दी जा रही है, और सैन्य सहयोग की भी बात हो रही है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इस महीने बांग्लादेश दौरे पर भी आने वाले हैं। इस बदलाव ने भारत को भी चिंता में डाल दिया है, क्योंकि पाकिस्तान के साथ बढ़ते रिश्ते बांग्लादेश की विदेश नीति को एक नई दिशा दे रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ है कि बांग्लादेश अब अपनी विदेश नीति में बदलाव ला रहा है और भारत को इसमें अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए सावधान रहना होगा।भारत के लिए बांग्लादेश की रणनीतिक स्थिति बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों देशों के बीच सीमाएँ साझा हैं और बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिरता भारत की सुरक्षा पर सीधा असर डालती है।
बिम्सटेक (BIMSTEC) मंच पर साझेदारी की उम्मीद

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन (BIMSTEC Summit) के दौरान हुई इस मुलाकात को क्षेत्रीय सहयोग के लिए अहम माना जा रहा है। बांग्लादेश इस समूह का अगला अध्यक्ष बनने जा रहा है। पीएम मोदी ने कहा, “बिम्सटेक दक्षिण एशिया में कनेक्टिविटी और विकास का मजबूत मंच है। शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताओं में 6वें बिम्सटेक शिखर सम्मेलन (BIMSTEC Summit) घोषणापत्र को अपनाना शामिल है, जो नेताओं के दृष्टिकोण और निर्देशों को हाईलाइट करेगा साथ ही ऐतिहासिक बैंकॉक विजन 2030, भविष्य के सहयोग को बढ़ाने के लिए पहला रणनीतिक रोडमैप होगा। साथ ही क्षेत्रीय संपर्क की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में सभी देशों के नेता समुद्री परिवहन सहयोग समझौते पर भी हस्ताक्षर करेंगे, जिसका उद्देश्य बंगाल की खाड़ी में व्यापार और यात्रा का विस्तार करना है। भारत और बांग्लादेश मिलकर इसे नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं।” इस बैठक ने दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली की उम्मीद जगाई है, खासकर तब जब यूनुस ने भी सकारात्मक रुख दिखाया। गुरुवार रात बिम्सटेक डिनर में दोनों नेताओं को एक साथ बैठे देखा गया था, जिससे इस मुलाकात की नींव पहले ही पड़ चुकी थी।
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