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भारत-चीन समझौता: फिर शुरू होंगी सीधी उड़ानें, व्यापारिक साझेदारी को नई रफ़्तार

भारत-चीन समझौता: फिर शुरू होंगी सीधी उड़ानें, व्यापारिक साझेदारी को नई रफ़्तार

भारत चीन समझौता और सीधी उड़ानों की बहाली

भारत और चीन ने मंगलवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए रिश्तों में आई कड़वाहट को पीछे छोड़ने का इरादा जताया। दोनों देशों के बीच हुए भारत चीन समझौता के तहत यह तय हुआ कि अब जल्द ही India China direct flights को दोबारा शुरू किया जाएगा। गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के बाद से 2020 में इन फ्लाइट्स को रोक दिया गया था। हालांकि, अभी उनकी शुरुआत की तारीख तय नहीं हुई है। इसके साथ ही वीज़ा प्रक्रिया को आसान करने और सीमा पर तीन विशेष बिंदुओं पर व्यापार को दोबारा खोलने की भी घोषणा की गई है। इस समझौते का मकसद सिर्फ यातायात और कनेक्टिविटी बढ़ाना ही नहीं, बल्कि दोनों देशों के बीच भरोसा बहाल करना भी है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच 24वें दौर की सीमा वार्ता के बाद यह घोषणा सामने आई। इस दौरान सीमा पर तैनात सैनिकों को पीछे हटाने, सीमांकन और बॉर्डर विवाद सुलझाने पर भी बातचीत हुई। दोनों देशों ने एक वर्किंग ग्रुप बनाने पर सहमति जताई है, जो पूर्वी और मध्य क्षेत्रों में सीमांकन पर काम करेगा, जबकि पश्चिमी क्षेत्र पर वार्ता जल्द ही शुरू की जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कहा कि स्थिर और रचनात्मक रिश्ते न केवल भारत और चीन बल्कि पूरे एशिया और दुनिया की शांति और समृद्धि के लिए अहम हैं। यही वजह है कि India China relations 2025 को और मजबूत बनाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

 

व्यापारिक साझेदारी और तिब्बत डैम पर चिंता

इस भारत चीन समझौता का एक और बड़ा पहलू आर्थिक सहयोग है। दोनों देशों ने भारत चीन व्यापारिक साझेदारी को नई गति देने पर जोर दिया है। चीन ने भरोसा दिलाया है कि भारत को खाद, रेयर अर्थ और टनल बोरिंग मशीनों की जरूरतों पर ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही, दोनों देशों ने यह भी माना कि स्थिर कारोबारी रिश्ते भविष्य के लिए जरूरी हैं। यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब प्रधानमंत्री मोदी इसी महीने चीन की यात्रा पर जाएंगे और शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। यह उनकी पिछले सात साल में पहली चीन यात्रा होगी। हालांकि, बातचीत के दौरान भारत ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र (यारलुंग ज़ांगबो) नदी पर चीन द्वारा बनाए जा रहे मेगा डैम पर अपनी गहरी चिंता जताई। भारत ने साफ कहा कि यह प्रोजेक्ट निचले इलाकों पर असर डाल सकता है, इसलिए चीन को पूरी पारदर्शिता बरतनी चाहिए। इसके जवाब में चीन ने वादा किया कि वह आपातकालीन हाइड्रोलॉजिकल जानकारी भारत के साथ साझा करेगा और बाढ़ संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान को फिर से शुरू किया जाएगा। यह भरोसा दोनों देशों के बीच पानी से जुड़े विवाद को संभालने का एक सकारात्मक संकेत है। साफ है कि India China relations 2025 की दिशा अब संवाद, सहयोग और पारस्परिक भरोसे से तय होगी। सीधी उड़ानों की बहाली और सीमावर्ती व्यापार के साथ-साथ मजबूत भारत चीन व्यापारिक साझेदारी दोनों देशों के आर्थिक भविष्य को नई उड़ान देने वाली है। कुल मिलाकर, यह India China direct flights और व्यापारिक सहयोग पर आधारित पहल, दशकों पुराने विवादों के बीच रिश्तों में संतुलन लाने का संकेत देती है।

 

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें: The India Moves

 

 

Frequently Asked Questions 

 

 

Q1. भारत-चीन सीधी उड़ानें कब शुरू होंगी?
Ans. अभी तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन जल्द बहाली की घोषणा हो चुकी है।

 

Q2. क्या वीज़ा प्रक्रिया आसान होगी?
Ans. हां, समझौते में वीज़ा प्रक्रिया को सरल बनाने पर सहमति बनी है।

 

Q3. सीमा व्यापार किन बिंदुओं पर फिर से शुरू होगा?
Ans. तीन विशेष सीमावर्ती बिंदुओं पर व्यापार बहाल किया जाएगा।

 

Q4. भारत ने तिब्बत डैम पर क्या चिंता जताई?
Ans. भारत ने ब्रह्मपुत्र पर चीन के मेगा डैम को लेकर पारदर्शिता की मांग की।

 

Q2. क्या दोनों देशों ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए कोई कदम उठाया?
Ans. हां, सीमांकन के लिए वर्किंग ग्रुप बनाने और पश्चिमी क्षेत्र पर वार्ता शुरू करने पर सहमति बनी है।

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