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पूर्वोत्तर में कुदरती तबाही - असम, मणिपुर, सिक्किम और अरुणाचल क्षतिग्रस्त

पूर्वोत्तर में कुदरती तबाही - असम, मणिपुर, सिक्किम और अरुणाचल क्षतिग्रस्त


पूर्वोत्तर भारत में बाढ़ और भूस्खलन से भारी तबाही, 34 की मौत, 1500 पर्यटक फंसे

 

भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून ने विकराल रूप धारण कर लिया है। सिक्किम, असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश में भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अब तक 34 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1500 से अधिक पर्यटक विभिन्न इलाकों में फंसे हुए हैं।

 

सिक्किम: तीस्ता नदी का उफान, 1500 पर्यटक फंसे

 

सिक्किम में लगातार मूसलधार बारिश और भूस्खलन के कारण मंगन जिले के लाचुंग और लाचेन क्षेत्रों में 1500 से अधिक पर्यटक फंसे हुए हैं। तीस्ता नदी का जलस्तर बढ़ने से कई पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे इन क्षेत्रों का संपर्क अन्य स्थानों से कट गया है। मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने उच्चस्तरीय बैठक बुलाकर स्थिति का जायजा लिया और पर्यटकों को सुरक्षित निकालने के लिए केंद्र सरकार से सहायता की मांग की है। 

 

असम: ब्रह्मपुत्र का कहर, 78,000 लोग प्रभावित

 

असम में ब्रह्मपुत्र और उसकी सहायक नदियों के उफान से 15 जिलों में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। 78,000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 28,317 लोग राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं। गुवाहाटी में भूस्खलन से 5 लोगों की मौत हो गई है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने निचले इलाकों और नदी किनारे के क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। 

 

मणिपुर: इंफाल शहर जलमग्न, 3,800 लोग प्रभावित

 

मणिपुर की राजधानी इंफाल में लगातार बारिश से इंफाल और नंबुल नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। 3800 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं, जबकि 883 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत कार्यों का जायजा लिया।

 

अरुणाचल प्रदेश: भूस्खलन से 9 की मौत

 

अरुणाचल प्रदेश में भूस्खलन और बाढ़ से 9 लोगों की मौत हो गई है। लोअर दिबांग घाटी में बोमजीर नदी में फंसे 14 लोगों को भारतीय वायुसेना ने सुरक्षित निकाला। एक कार बाढ़ में बह गई, जिसमें 7 लोग मारे गए।

 

राहत और बचाव कार्य

 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। मौसम विभाग ने 6 जून तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है, जिससे राहत कार्यों में और चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।

पूर्वोत्तर भारत में इस प्राकृतिक आपदा ने व्यापक तबाही मचाई है। सरकार और स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटे हुए हैं, लेकिन स्थिति की गंभीरता को देखते हुए और अधिक सहायता की आवश्यकता है।

 

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