Dark Mode
  • day 00 month 0000
नक्सली, माओवादी और आतंकवादी: क्या आप जानते हैं इनमें फर्क?

नक्सली, माओवादी और आतंकवादी: क्या आप जानते हैं इनमें फर्क?

 

छत्तीसगढ़ में चले अभियान में 27 माओवादियों के साथ उनके नेता नंबल्ला केशव राव उर्फ बसवराजू को मार गिराया गया, जिस पर सरकार की तरफ से 1 करोड़ का इनाम रखा गया था। 2024 में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ जिस तरह से अभियान की शुरुआत की, उसमें मार्च 2025 से इस अभियान में बड़ी सफलता मिल रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में 21 मार्च 2025 को दावा किया था कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का नामोनिशान तक मिट जाएगा। राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार 25 मार्च 2025 को लोकसभा में बताया कि साल 2014-15 से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को केंद्र की ओर से 196.23 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। आइए जान लेते हैं कि नक्सली, माओवादी और आतंकवादी इनमें क्या अंतर है?

 

नक्सलवाद क्या है?


नक्सली या नक्सलवादी, माओवादी, उग्रवादी और आतंकवादी में अंतर है। नक्सलवाद एक विचारधारा है, जो पश्चिम बंगाल में जमींदारों के खिलाफ किसानों के आंदोलन से जुड़ी हुई है। यह 1960 के दशक की बात है। बंगाल के दार्जिलिंग जिले में स्थित एक गांव नक्सलवाड़ी गाँव से यह आंदोलन शुरू हुआ था। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता चारु माजूमदार और कानू सान्याल ने 1967 में सत्ता के खिलाफ एक सशस्त्र आंदोलन शुरू किया।

इस नक्सलवाड़ी विद्रोह ने गांव के युवाओं और ग्रामीणों को बुरी तरह से झकझोर दिया था। इस तरह से समय के साथ आंदोलन बिहार और झारखंड तक फैलता गया। फिर ओडिशा, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र तक में लोगों ने अत्याचार के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह किया। इसके जरिए गरीबों और भूमिहीन किसानों की मांगें रखी गईं। इस आंदोलन को नक्सलवादी आंदोलन कहा गया और इसमें शामिल लोग नक्सली कहलाए।

 

माओवादी विचारधारा का उदय


माओवाद आधुनिक चीन के संस्थापक माओत्से तुंग की विचारधारा से जुड़ा है। माओ की विचारधारा हिंसा का समर्थन करती है। सत्ता के खिलाफ माओ की विचारधारा का पालन करते हुए संघर्ष में शस्त्र का इस्तेमाल करने वाले माओवादी कहे गए। उनकी मानसिकता अवसरवादी थी और वैचारिक बारीकियों से सावधान रहती थी। चीन में माओ की अगुवाई में हुई क्रांति को माओवाद का जनक माना जाता है। साल 1962 में चीन से युद्ध के बाद भारत में माओवादी विचारधारा को बढ़ावा मिला।

माओवाद और नक्सलवाद भले ही दोनों कम्युनिस्ट विचारधारा से जुड़े हैं, पर दोनों का स्वरूप अलग है। नक्सलवाद का जन्म नक्सलबाड़ी में विकास की कमी और गरीबी के कारण हुआ था। वहीं, माओवाद एक विदेशी राजनीतिक विचारधारा है।

 

आतंकवाद की शुरुआत


आतंकवाद यानी आतंकित करना यानी डराना। ऐसा करने वाले लोग आतंकवादी कहे जाते हैं, जो अपने किसी सही या नाजायज लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए किसी भी तरह का जुर्म या हिंसा करने के लिए सक्रिय रहते हैं। आतंकवादी किसी देश या सरकार के खिलाफ जाकर हिंसा के जरिए उस पर दबाव बनाने की कोशिश करते हैं। आतंकवाद और उग्रवाद में एक अंतर है कि उग्रवादियों को स्थानीय लोगों का समर्थन मिला होता है। आतंकवादियों के लिए यह जरूरी नहीं है कि वे स्थानीय जनता को अपने साथ लेकर चलें। आतंकवाद का इतिहास बहुत पुराना है, और इसके कई अलग-अलग रूप हैं। कुछ विद्वान इसे प्राचीन समय से ही मौजूद मानते हैं, जबकि कुछ इसे 19वीं शताब्दी में शुरू हुआ मानते हैं। आतंकवाद शब्द की उत्पत्ति फ्रांस में हुई क्रांति के दौरान हुई थी। कुछ लोग इस्लामी साम्राज्य के विस्तार को भी आतंकवादी कार्रवाई मानते हैं।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

Comment / Reply From

Vote / Poll

क्या राजस्थान मे बेरोजगारी का मुद्दा खत्म हो चुका है ..

View Results
Yes
10%
No
90%

Talk to us?