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राकेश टिकैत के साथ हुई अभद्रता पर गरमाई सियासत, शनिवार को Muzaffarnagar Mahapanchayat में होगा फैसला

राकेश टिकैत के साथ हुई अभद्रता पर गरमाई सियासत, शनिवार को Muzaffarnagar Mahapanchayat में होगा फैसला

Muzaffarnagar, UP - किसान नेता राकेश टिकैत के साथ हुई अभद्रता के मामले में शनिवार को मुजफ्फरनगर महापंचायत (Muzaffarnagar Mahapanchayat) आयोजित की जाएगी। यह पंचायत उस घटना की प्रतिक्रिया स्वरूप हो रही है जिसमें टिकैत के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ और उनकी पगड़ी गिरा दी गई। इससे पहले, नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता चंद्रशेखर आजाद ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

 

चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मुजफ्फरनगर महापंचायत (Muzaffarnagar Mahapanchayat) में राकेश टिकैत के साथ जो दुर्व्यवहार हुआ, पगड़ी उतारना, सिर पर लाठी से मारना वह न केवल एक किसान नेता का अपमान है, बल्कि हमारे लोकतंत्र और किसान विरोध (Farmer protest) के सम्मान पर भी हमला है।

 

उन्होंने कहा कि टिकैत के किसी बयान से असहमति हो सकती है, लेकिन उसका जवाब हिंसा नहीं हो सकता। पगड़ी किसी की पहचान और गरिमा का प्रतीक होती है। इस तरह की घटनाएं समाज में नफरत फैलाती हैं और लोकतांत्रिक संवाद की जगह टकराव को बढ़ावा देती हैं।

 

चंद्रशेखर आज़ाद ने लिखा, "हम इस कृत्य की कड़ी निंदा करते हैं और अपील करते हैं कि असहमति को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के तहत ही व्यक्त किया जाए। पुलिस द्वारा टिकैत जी को सुरक्षित बाहर निकालना सराहनीय है, लेकिन सवाल यह है कि ऐसी स्थिति आई ही क्यों?"

 

 

 

घटना के बारे में स्पष्टीकरण देते हुए पुलिस अधीक्षक (नगर) सत्यनारायण प्रजापत ने कहा कि राकेश टिकैत पर डंडों से हमला होने की खबरें गलत हैं। उन्होंने बताया कि रैली में कुछ लोगों ने विरोध किया और धक्का-मुक्की में टिकैत की पगड़ी गिर गई।

 

वहीं, राकेश टिकैत ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे किसान विरोध (Farmer protest) को दबाने के लिए एक विशेष राजनीतिक दल की साजिश बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ कुछ युवकों को भेजा गया था और उनमें से कुछ नशे में थे।

 

टिकैत ने घोषणा की कि किसान अब आतंकवाद के विरोध में ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे, जिसकी तारीख जल्द तय की जाएगी। साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि जनता के गुस्से को शांत करने के लिए आतंकवादियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की जाए।

 

इस पूरे घटनाक्रम के केंद्र में शनिवार को होने वाली मुजफ्फरनगर महापंचायत (Muzaffarnagar Mahapanchayat) है, जिसे किसान संगठनों ने बहुत गंभीरता से लिया है। यह घटना एक बार फिर किसान विरोध (Farmer protest) आंदोलन को राष्ट्रीय विमर्श में ला खड़ा करती है, और मुजफ्फरनगर महापंचायत इस मुद्दे पर किसान एकता और लोकतांत्रिक अधिकारों की पुनः पुष्टि का अवसर बन सकती है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

 

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