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वो गीत जो रणभूमि में गूंजे – स्वतंत्रता संग्राम के समय के गीतों की प्रेरक कहानियाँ

वो गीत जो रणभूमि में गूंजे – स्वतंत्रता संग्राम के समय के गीतों की प्रेरक कहानियाँ

रणभूमि की गूंज: स्वतंत्रता संग्राम के गीतों से मिली भारतीयों को प्रेरणा

 

भारत का इतिहास सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है, लेकिन उसकी असली धड़कन स्वतंत्रता संग्राम गीत में बसती है। ये सिर्फ शब्द नहीं थे, ये रणभूमि में क्रांति का बिगुल थे। प्रेरक कहानियाँ कहती हैं कि जब हथियार थक जाते थे, तब ये गीत सिपाहियों को खून की आखिरी बूंद तक लड़ने का साहस देते थे। भारत का स्वतंत्रता संग्राम सिर्फ तलवार और बंदूक से नहीं, बल्कि इन गीतों की गूंज से भी जीता गया था। रणभूमि के गीत उस दौर के सबसे बड़े हथियार थे।

 

जब गीत बने क्रांति की सांस

 

स्वतंत्रता आंदोलन की कहानियाँ इस बात की गवाह हैं कि एक गीत कैसे लाखों दिलों में आग लगा सकता है। आज़ादी के गीत सुनकर सैकड़ों क्रांतिकारी अपने प्राण न्यौछावर कर देते थे। यही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम प्रेरणा थी, जो हर युवक-युवती को बलिदान के लिए तैयार कर देती थी। स्वतंत्रता संग्राम संगीत सिर्फ कानों में नहीं, आत्मा में उतर जाता था।

 

शायरी:
"वो गीत नहीं, रणभूमि का ऐलान थे,
हर लफ्ज़ में आज़ादी के अरमान थे।"

वो गीत जो रणभूमि में गूंजे – स्वतंत्रता संग्राम के समय के गीतों की प्रेरक कहानियाँ

 

गीतों की लहर, जो गांव-गांव पहुँची

 

जब ऐतिहासिक प्रेरक गीत गूंजते थे, तो शहर ही नहीं, दूर-दराज़ के गाँव भी भारत का स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो जाते थे। औरतें, बच्चे, बूढ़े—सब रणभूमि के गीत गुनगुनाते हुए जुलूस में निकलते थे। इन स्वतंत्रता संग्राम गीत में वो जादू था, जो हर किसी को एक ही भावना में बांध देता था मातृभूमि की सेवा।

 

गीत जिनसे दुश्मन डरने लगे

 

अंग्रेज सरकार को पता था कि ये आज़ादी के गीत किसी भी भाषण से ज्यादा असरदार हैं। इसलिए उन्होंने कई बार स्वतंत्रता संग्राम संगीत गाने पर पाबंदी लगा दी। लेकिन क्रांतिकारी छुपकर इन्हें गाते और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम प्रेरणा को जिंदा रखते। स्वतंत्रता आंदोलन की कहानियाँ बताती हैं कि कैसे ये गीत हर दिल में बगावत जगा देते थे।

 

शायरी:
"तलवार से नहीं, गीतों से जीती थी जंग,
ये थे हमारी आज़ादी के असली रंग।"

वो गीत जो रणभूमि में गूंजे – स्वतंत्रता संग्राम के समय के गीतों की प्रेरक कहानियाँ

 

रणभूमि में गूंजे ये गीत

 

स्वतंत्रता संग्राम गीत सिर्फ प्रेरणा नहीं, बल्कि रणभूमि में सैनिकों की धड़कन थे। भगत सिंह के साथी "सरफ़रोशी की तमन्ना" गाते हुए फाँसी चढ़ते थे। आज़ादी के गीत में वो शक्ति थी जो मौत को भी मात दे सकती थी। यही ऐतिहासिक प्रेरक गीत हमें याद दिलाते हैं कि आज की आज़ादी कितनी बड़ी कीमत देकर मिली है।

 

आज भी जीवित है वो जुनून

 

आज भले ही भारत का स्वतंत्रता संग्राम समाप्त हो चुका हो, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम संगीत सुनते ही दिल में वही जोश उठता है। 15 अगस्त देशभक्ति गीत हमें हर साल याद दिलाते हैं कि ये आज़ादी हमें विरासत में नहीं, बल्कि बलिदानों के बदले मिली है। रणभूमि के गीत आज भी हमें एकजुट करने की ताकत रखते हैं।

 

शायरी:

"रगों में दौड़ता है जो खून का रंग,
वो गीत ही तो है जो रखे हमें संग।"

वो गीत जो रणभूमि में गूंजे – स्वतंत्रता संग्राम के समय के गीतों की प्रेरक कहानियाँ

 

प्रसिद्ध स्वतंत्रता संग्राम गीत

  • इन गीतों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम प्रेरणा को नई ऊँचाइयाँ दीं:
  • सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
  • ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी कसम
  • वंदे मातरम्
  • झंडा ऊँचा रहे हमारा
  • ऐ मेरे वतन के लोगों

 

बॉलीवुड के 15 अगस्त देशभक्ति गीत

  • कर चले हम फ़िदा – हक़ीक़त (1964)
  • ऐ मेरे वतन के लोगों – लता मंगेशकर
  • तेरी मिट्टी में मिल जावां – केसरी
  • भारत हमको जान से प्यारा है – रोज़ा
  • माँ तुझे सलाम – ए.आर. रहमान
  • देश रंगीला – फ़ना
  • जय हो – स्लमडॉग मिलियनेयर
  • ऐ वतन मेरे वतन – राज़ी
  • वंदे मातरम् – आनंद मठ
  • ज़रा याद करो कुर्बानी – शहीद

वो गीत जो रणभूमि में गूंजे – स्वतंत्रता संग्राम के समय के गीतों की प्रेरक कहानियाँ

 

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 Frequently Asked Questions

 

Q1. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान कौन-कौन से गीत गाए जाते थे?
Ans. स्वतंत्रता संग्राम गीत जैसे “सरफ़रोशी की तमन्ना”, “वन्दे मातरम्”, “ऐ वतन ऐ वतन हमको तेरी कसम” और “झंडा ऊँचा रहे हमारा” उस समय सबसे ज़्यादा गाए जाते थे। ये रणभूमि के गीत सैनिकों और आम जनता दोनों के लिए प्रेरणा का स्रोत थे।

 

Q2. इन गीतों का वीरों और सैनिकों पर क्या प्रभाव पड़ा?
Ans. आज़ादी के गीत सुनते ही सैनिकों के दिलों में साहस और जज्बा भर जाता था। ये गीत उन्हें मृत्यु की परवाह किए बिना अपने देश के लिए लड़ने की प्रेरणा देते थे। यही भारतीय स्वतंत्रता संग्राम प्रेरणा की असली ताकत थी।

 

Q3. स्वतंत्रता संग्राम के प्रसिद्ध प्रेरक गीत कौन से हैं?
Ans. कुछ ऐतिहासिक प्रेरक गीत जिनकी गूंज आज भी याद आती है:

  • सरफ़रोशी की तमन्ना
  • वन्दे मातरम्
  • ऐ मेरे वतन के लोगों
  • झंडा ऊँचा रहे हमारा

ये सभी स्वतंत्रता संग्राम गीत लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना जगाते थे।

 

Q4. ये गीत किस-किस रणभूमि में गूंजे थे?
Ans. रणभूमि के गीत हर बड़े और छोटे संघर्ष के दौरान गूंजते थे। जेलों में, क्रांतिकारियों के छुपे हुए ठिकानों में, और खुली लड़ाई के मैदान में—हर जगह ये स्वतंत्रता आंदोलन की कहानियाँ और आज़ादी के गीत गाए जाते थे।

 

Q5. स्वतंत्रता संग्राम के गीतों की कहानियाँ कैसे सामने आईं?
Ans. ये प्रेरक कहानियाँ तब सामने आईं जब स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने अनुभव, डायरी और यादों को लिखा। साथ ही कुछ गीतों के रिकॉर्ड और ऐतिहासिक दस्तावेज़ आज भी हमें बताते हैं कि कैसे ये स्वतंत्रता संग्राम संगीत सैनिकों और आम जनता के लिए प्रेरणा बन गया।

 

Q6. क्या आज भी इन गीतों को याद किया जाता है?
Ans. जी हाँ, आज भी हर 15 अगस्त देशभक्ति गीत और स्वतंत्रता दिवस समारोह में ये स्वतंत्रता संग्राम गीत गाए जाते हैं। स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक कार्यक्रमों में ये भारतीय स्वतंत्रता संग्राम प्रेरणा को जिंदा रखते हैं।

 

Q7. स्वतंत्रता संग्राम के गीतों का संगीत और बोल किसने लिखा था?
Ans. इन स्वतंत्रता संग्राम गीतों के संगीत और बोल कई महान रचनाकारों और कवियों ने तैयार किए। उदाहरण के लिए, “वन्दे मातरम्” का संगीत रवींद्रनाथ टैगोर ने लिखा, वहीं “सरफ़रोशी की तमन्ना” के बोल बाग़ेलाल शाह और अन्य क्रांतिकारियों द्वारा बनाए गए। इन रणभूमि के गीत का उद्देश्य था वीरों में जज्बा और देशभक्ति की आग जलाना।

 

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