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आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, कहा-कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता

आवारा कुत्तों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा, कहा-कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता

दिल्ली-NCR में बेघर कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में आज तीन जजों की विशेष पीठ ने सुनवाई की। जिसमें जोरदार बहस हुई। आवारा कुत्ते मामला की सुनवाई में जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन.वी. अंजारिया की पीठ ने सभी पक्ष को सुनने के बाद 'अंतरिम रोक' के लिए दायर याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। बेंच को यह फैसला करना है कि दिल्ली-एनसीआर से सभी कुत्तों को हटाने का दो जजों की बेंच का फैसला कायम रहेगा या नहीं।


आवारा कुत्ते मामला में सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दिल्ली सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कुत्तों के हमले से बच्चे मर रहे हैं। नसबंदी से कुत्तों के काटने की घटनाएं थम नहीं रही हैं। देश में इस तरह के कई चौंकाने वाले मामलेसामने आ रहें हैं। हमारा इतना कहना है कि कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता है। लेकिन सभी की सुरक्षा जरूरी है।


आवारा कुत्ते मामला के सुनवाई पर कोर्ट के सामने दलील रखते हुए सॉलिसिटर जनरल दुष्यत दवे ने कहा कि कोई भी कुत्तों को मारने के लिए नहीं कह रहा है। हम बस उन्हें इंसानी आबादी से अलग रखने को कह रहे हैं। लोग बच्चों को बाहर भेजने से डर रहे हैं। नियमों से समाधान नहीं होगा। अदालत को हस्तक्षेप करना होगा


आवारा कुत्ते मामला की सुनवाई पर सरकार का पक्ष रखते हुए सालिसिटर जनरल दुष्यत दवे ने कहा कि कुछ लोग चिकन, अंडा आदि खाते हुए दिखते हैं और फिर पशु प्रेमी होने का दावा करते हैं। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसका समाधान होना चाहिए। बच्चे मर रहे हैं। डब्ल्यूएचओ का डेटा बताता है कि 305 लोगों की हर साल मौत होती है। जिनमें से अधिकतर 15 साल से कम उम्र के हैं। कोई पशु से नफरत करने वाला नहीं है। सैकड़ों जीवों में केवल चार ही जहरीले हैं। हम उन्हें घर में नहीं रखते हैं। कुत्तों को मारा नहीं जाएगा, उन्हें सिर्फ अलग किया जाएगा।

 

वहीं, आवारा कुत्ते मामला की सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि कोर्ट के निर्देश में कहा गया है कि कुत्तों को नसबंदी के बाद छोड़ा नहीं जाएगा। तो फिर वे कहां जाएंगे? ये नियमों के खिलाफ है। इस पर रोक लगनी चाहिए। जब एक बड़ी संख्या में कुत्तों को एक साथ शेल्टर में रखा जाएगा तो वे एक दूसरे पर हमला करेंगे, इससे इंसान भी प्रभावित होंगे। कपिल सिब्बल ने आगे कहा कि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला कल शाम को अपलोड किया गया। लेकिन 700 कुत्ते पहले ही उठा लिए गए। भगवान जानता है उनका क्या होगा। उन्हें उठा लिया गया और मार दिया जाएगा।

 

आवारा कुत्ते मामला में सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 8 हफ्तों में दिल्ली की सड़कों से आवारा कुत्ते हटाने का निर्देश दिल्ली सरकार को दिया था। 11 अगस्त को हुई आवारा कुत्ते मामला की सुनवाई में कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली-NCR के सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर स्थायी रूप से शेल्टर होम में रखा जाए और उन्हें दोबारा सड़कों पर न छोड़ा जाए। यह आदेश रेबीज और कुत्तों के काटने की गंभीर स्थिति को देखते हुए दिया गया था। 

 

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Frequently Asked Questions

 

Q1. सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों के मामले में क्या फैसला सुरक्षित रखा है?
Ans. सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्ष को सुनने के बाद 'अंतरिम रोक' के लिए दायर याचिकाओं पर फैसला सुरक्षित रख लिया है।

 

Q2. यह मामला कब और कैसे शुरू हुआ था?
Ans. शीर्ष कोर्ट ने 11 अगस्त को डॉग बाइट्स और रेबीज के मामलों को देखते हुए सभी आवारा कुत्तों को 8 हफ्तों में दिल्ली-NCR के आवासीय क्षेत्रों से हटाकर शेल्टर होम में भेजने का आदेश दिया था। कोर्ट ने इस काम में बाधा डालने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी।

 

Q3. सुप्रीम कोर्ट ने जानवरों से नफरत न करने पर क्या कहा?
Ans. कुत्तों के हमले से बच्चे मर रहे हैं। नसबंदी से कुत्तों के काटने की घटनाएं थम नहीं रही हैं। देश में इस तरह के कई चौंकाने वाले मामलेसामने आ रहें हैं। हमारा इतना कहना है कि कोई भी जानवरों से नफरत नहीं करता है। लेकिन सभी की सुरक्षा जरूरी है।

 

Q4. आवारा कुत्तों के खिलाफ कौन से कानून लागू होते हैं?
Ans. दिल्ली-NCR के सभी आवारा कुत्तों को पकड़कर स्थायी रूप से शेल्टर होम में रखा जाए और उन्हें दोबारा सड़कों पर न छोड़ा जाए। यह आदेश रेबीज और कुत्तों के काटने की गंभीर स्थिति को देखते हुए दिया गया था।


Q5.आम जनता को आवारा कुत्तों से सुरक्षित रहने के लिए क्या करना चाहिए?
Ans. आम जनता को आवारा कुत्तों से सुरक्षित रहने के लिए कुत्तों को न उकसाएं, उनसे दूर रहें, और यदि आवारा कुत्ते के आपके पास आएं, तो घबराएं नहीं। यदि आवश्यक हो तो स्थानीय अधिकारियों से संपर्क करें।

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