
ट्रंप की कड़ी चेतावनी: बंधकों को रिहा करो, वरना अंजाम भुगतो
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Chhavi
- March 7, 2025
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास को खुली चेतावनी दी है कि अगर गाजा में बंधक बनाए गए लोगों को तुरंत रिहा नहीं किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। ट्रंप ने सख्त लहजे में कहा, "अगर शनिवार तक सभी बंधकों को रिहा नहीं किया गया, तो हमास को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।" यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने हमास के साथ बंधकों की रिहाई को लेकर सीधी बातचीत शुरू की है। ट्रंप ने हमास को साफ संदेश दिया कि अमेरिका इस मुद्दे पर किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतेगा।
अमेरिका ने पहली बार हमास से की सीधी बातचीत
अब तक अमेरिका की नीति रही है कि वह आतंकवादी संगठनों से सीधे बातचीत नहीं करता, लेकिन इस बार हालात अलग हैं। अमेरिकी सरकार ने पहली बार हमास से सीधे संपर्क किया है ताकि गाजा में बंधक बनाए गए अमेरिकी नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके। इस बातचीत की जानकारी अमेरिकी अधिकारियों ने गोपनीय रखी थी, लेकिन अब यह साफ हो गया है कि कतर की राजधानी दोहा में अमेरिकी विशेष दूत एडम बोहलर ने हमास के प्रतिनिधियों से बातचीत की। अमेरिका ने यह कदम इसलिए उठाया क्योंकि गाजा में अब भी कई अमेरिकी नागरिक बंधक हैं, और उनकी रिहाई के बिना कोई स्थायी समाधान संभव नहीं दिख रहा।
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हमास की प्रतिक्रिया: ट्रंप की धमकी पर नाराजगी
ट्रंप के इस बयान के बाद हमास ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। हमास के वरिष्ठ नेता इज़्ज़त अल-रिश्क ने ट्रंप के बयान को "अहंकारी और गैर-जिम्मेदाराना" करार दिया। हमास का कहना है कि ट्रंप की इस धमकी से इजरायल को और हिंसा फैलाने का मौका मिलेगा। हमास ने यह भी आरोप लगाया कि अमेरिका हमेशा इजरायल का समर्थन करता है और फिलिस्तीन की जनता के खिलाफ सख्त रवैया अपनाता है।
संघर्ष विराम वार्ता पर खतरा: संकट और बढ़ा
गाजा में संघर्ष विराम को लेकर पहले से ही बातचीत चल रही थी, लेकिन अब यह संकट और गहरा गया है। जनवरी 2025 में हुए संघर्ष विराम समझौते के तहत हमास को कुछ बंधकों को छोड़ना था, लेकिन अब भी 59 बंधक उनके कब्जे में हैं। इससे पहले भी कई बार बातचीत के जरिए बंधकों को छुड़ाया गया, लेकिन अब जब अमेरिका ने सीधी बातचीत शुरू की है, तो संघर्ष विराम वार्ता को लेकर और तनाव बढ़ गया है।
इजरायल का रुख: हमास को खत्म करना जरूरी
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि "जब तक हमास पूरी तरह से कमजोर नहीं होता, तब तक शांति संभव नहीं है।" नेतन्याहू के अनुसार, इजरायल अब सिर्फ संघर्ष विराम नहीं चाहता, बल्कि वह गाजा से हमास को पूरी तरह खत्म करना चाहता है। इसके बिना इजरायल अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त नहीं हो सकता।
क्या होगा आगे? शांति या और बड़ा संकट?
फिलहाल गाजा में हालात बहुत गंभीर बने हुए हैं। अमेरिका और हमास की सीधी बातचीत से उम्मीद जगी है कि कुछ बंधकों की रिहाई संभव हो सकती है, लेकिन ट्रंप की धमकी के बाद हालात और बिगड़ सकते हैं। अब सबकी नजरें इस पर हैं कि क्या अमेरिका अपनी चेतावनी पर अमल करेगा, क्या हमास बंधकों को छोड़ेगा, और क्या इजरायल-फिलिस्तीन में शांति बहाल हो पाएगी? आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर दुनिया भर की निगाहें टिकी रहेंगी।
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