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UP Politics: संविधान में छेड़छाड़ पर मायावती का हमला, 'संविधान की मूल भावना से न करें खिलवाड़'

UP Politics: संविधान में छेड़छाड़ पर मायावती का हमला, 'संविधान की मूल भावना से न करें खिलवाड़'

UP Politics में गर्मी तब और बढ़ गई जब आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबोले (RSS leader Dattatreya Hosabale) द्वारा संविधान की प्रस्तावना से ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्द हटाने की वकालत की गई। इस बयान पर अब बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने संविधान की मूल भावना से छेड़छाड़ को गलत ठहराया और कहा कि यह किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

 

मायावती ने कहा कि समय-समय पर संविधान में कई गैर-जरूरी परिवर्तन किए गए हैं, लेकिन संविधान की जो मूल आत्मा है, वह प्रस्तावना में ही दिखाई देती है। उसमें छेड़छाड़ करना देश और समाज दोनों के लिए नुकसानदायक है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसी गतिविधियाँ नहीं रुकीं तो "हमें अपनी आवाज़ देशभर में मजबूती से उठानी पड़ेगी।"

 

आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबोले (RSS leader Dattatreya Hosabale) ने अपने बयान में कहा था कि ‘धर्मनिरपेक्ष’ और ‘समाजवादी’ शब्दों को 1975 के आपातकाल के दौरान 42वें संशोधन के जरिए संविधान में जोड़ा गया और ये शब्द संविधान की मूल भावना के अनुरूप नहीं हैं। इसी पर प्रतिक्रिया देते हुए मायावती ने कहा कि राजनीतिक दलों को अपने संकीर्ण एजेंडे से ऊपर उठकर देशहित में सोचना चाहिए, ना कि संविधान की रचना को अपने हिसाब से बदलने की कोशिश करनी चाहिए।

 

यूपी की राजनीति (UP Politics) के संदर्भ में मायावती ने यह भी कहा कि राज्यों में भाषा के नाम पर राजनीति करना उचित नहीं है। सभी भाषाओं को सम्मान मिलना चाहिए और सरकारों को आपसी टकराव से बचना चाहिए। उन्होंने बिहार की वोटर लिस्ट पर भी सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की और कहा कि सभी पार्टियों को विश्वास में लिया जाना चाहिए।

 

कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर निशाना साधते हुए मायावती ने कहा कि ये दोनों पार्टियां संविधान के असली अनुयायी नहीं हैं। "दोनों का व्यवहार दोहरा है, और जब बात सत्ता की आती है, तो ये एक हो जाते हैं। अगर ये पार्टियां संविधान विरोधी रवैये को नहीं छोड़तीं, तो हमें मजबूरन आगे आना होगा।"

 

मायावती का यह बयान संविधान की मूल संरचना की रक्षा को लेकर एक मजबूत राजनीतिक संदेश है, जो आने वाले समय में देशभर में गूंज सकता है।

 

ऐसी ही जानकारी के लिए विजिट करें- The India Moves

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