
गणेश चतुर्थी पर घर में गणपति बप्पा की स्थापना कैसे करें?
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Manjushree
- August 27, 2025
आज 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी 2025 पूरे देश में धूम-धाम से मनाया जा रहा है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा के साथ ही बप्पा की मूर्ति की स्थापना भी लोग घरों में करते हैं। मान्यता है कि भगवान गणेश को घर में स्थापित करने से घर में सुख-समृद्धि घर में आती है। आइए जानें कि गणेश चतुर्थी केशुभ अवसर पर बप्पा की स्थापना का कैसे करें।
घर में गणपति बप्पा की मूर्ति स्थापना कैसे करें
गणेश चतुर्थी के दिन सबसे पहले सुबह जल्दी उठकर स्नान वैगरह करने के बाद बप्पा की मूर्ति पूरे धूमधाम के साथ घर ले आनी चाहिए। खरीदने के बाद घर लाते समय उनके आंखों पर लाल रंग का साफ कपड़ा जरूर बांध दें और पूरे गाजे बाजे के साथ जयकारे लगाते हुए उन्हें अपने घर में बप्पा की मूर्ति को प्रवेश कराएं। बप्पा को लाते समय पुष्पों की वर्षा करना बहुत अच्छा माना जाता है। गणेशजी की घटनस्थापना शुभ मुहूर्त और सही विधि-विधान के अनुसार करनी चाहिए।
स्थापना से पहले घर के मंदिर को साफ करने के साथ गंगाजल का छिड़काव करें। बप्पा की मूर्ति को स्थापित करने के लिए घर में उत्तर दिशा सबसे उत्तम माना जाता है। बप्पा की मूर्ति के नीचे पीले या लाल रंग का आसन बिछाएं। फिर उसके बप्पा को रखें। बप्पा के पास स्वास्तिक जरूर बनाएं। इस प्रकार घर में गणेशजी की मूर्ति आप स्थापित करें। भगवान गणेशजी की मूर्ति के साथ-साथ कलश की स्थापना पूर्व दिशा में करना सबसे उत्तम माना जाता है।
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गणेश चतुर्थी पर बप्पा की स्थापना का शुभ मुहूर्त
अमृत काल- 07:33 से सुबह 09:09, शुभ चौघड़िया- सुबह 10:46 AM से दोपहर 12:22 PM तक, बप्पा की मूर्ति को घर में स्थापित करने का सबसे शुभ मुहूर्त- 11:05 बजे से शुरू होकर दोपहर 1:40 तक है। फिर 27 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से राहुकाल प्रारम्भ हो जाएगा, इसलिए भक्तों को इससे पहले ही घर में बप्पा की मूर्ति को स्थापित कर देना चाहिए।
घर में कलश की स्थापना कैसे करें ?
- जहाँ कलश स्थापित करना करना सबसे पहले गंगा जल का छिड़काव करें।
- कलश में जल, सुपारी, अक्षत, सिक्का और आम के पत्ते डालकर उसमें नारियल रखें।
- कलश के ऊपर स्वास्तिक चिन्ह बनाएं और उसे बप्पा के समीप रखें।
- कलश को स्थापित करते समय ॐ गं गणपतये नमः मंत्र का जाप करें.
- कलश और गणेश जी की प्रतिमा के सामने दीपक और धूप जलाना शुभ होता है।
- पूजा के दौरान दूर्वा, लाल फूल सिंदूर, चावल और बप्पा का प्रिय भोग मोदक को अर्पित करें।
- स्थापना के बाद प्रतिदिन गणेश जी पूजा-आरती और भोग जरूर लगाएं।
- इसके बाद, गणपति बप्पा के सभी नामों का जाप करें।
जयपुर के मोती डूंगरी में गणेश चतुर्थी
राजस्थान के जयपुर में गणेश चतुर्थी पर्व से पहले गणपति बप्पा के सिंजारा महोत्सव की धूम से मनाया जा रहा है। शहर के प्रमुख मंदिरों मोती डूंगरी गणेश मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा। इस अवसर पर विशेष शृंगार, मेहंदी अर्पण और भजन संध्या का किया गया। श्रद्धालु भक्ति और उत्साह में उमड़ते नजर आएं। मोती डूंगरी गणेश मंदिर में भगवान का पारंपरिक शृंगार किया गया। उन्हें गोटा पत्ती की विशेष पोशाक पहनाई गई। शृंगार के भाव में नौलखा हार और स्वर्ण मुकुट धारण कराते हुए चांदी के सिंहासन पर विराजमान कराया गया। पाली जिले के सोजत से मंगाई गई 3100 किलो मेहंदी भगवान को अर्पित की गई और फिर यही मेहंदी श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित की गई।
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