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जगराम मीणा को ACB को भ्रष्टाचार के आरोप में किया गया कार्यमुक्त, मिले थे 50 लाख कैश

जगराम मीणा को ACB को भ्रष्टाचार के आरोप में किया गया कार्यमुक्त, मिले थे 50 लाख कैश

राजस्थान की एसीबी में तैनात अफसर खुद भ्रष्टाचार की हदें पार कर रहे हैं। सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को कार्रवाई का डर दिखाकर लाखों रुपये की वसूली करने का हैरान जनक मामला सामने आया है। शुक्रवार 27 जून को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने एक महीने में दूसरी बार अपने ही एक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) को रिश्वतखोरी-वसूली के आरोप में दबोचा था।

 

शुक्रवार को जयपुर के शिवदासपुरा पकड़े गए जगराम मीणा की कार से 9.35 लाख रुपए कैश मिले। इसके बाद टीमों ने जगतपुरा में उसके घर की तलाशी में 40 लाख रुपए कैश मिले। ACB गिरफ्तारी के बाद डीजी एसीबी रवि प्रकाश ने जगराम मीणा को कार्यमुक्त कर दिया है।


एसीबी सूत्रों के अनुसार आरोपी जगराम मीणा एसीबी चौकी भीलवाड़ा चौकी में पोस्टेड है। उसका दो दिन पहले ही झालावाड़ से ट्रांसफर हुआ था। उसके खिलाफ कई शिकायतें विजिलेंस विग को मिली थीं। इसलिए वो दो महीने से रडार पर था। आरोपी परिवहन, खनन, आबकारी और पुलिस डिपार्टमेंट के अधिकारी-कर्मचारियों से वसूली कर रहा था। वो पहले भी ट्रैप होते बचा है।

 

27 जून को झालावाड़ से जयपुर लौटते समय शिवदासपुरा टोल के पास एसीबी मुख्यालय की टीम ने जगराम को ट्रैप कर दिया। टोल पर एडिशनल एसपी जगराम की कार को रुकवाया गया और तलाशी ली गई। कार में करीब 9 लाख 35 हजार रुपये नकदी मिली। इस दौरान एसीबी की दूसरी टीम ने जगराम मीणा के घर को खंगालना शुरू किया। घर में 40 लाख रुपये से ज्यादा की नकदी मिली। यानी कुल 50 लाख की नकदी जगराम के पास पाई गई है। साथ ही करोड़ों की संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं। नकदी बरामद होने के बाद पैसों की गिनती के लिए नोट गिनने वाली मशीन बुलानी पड़ी थी।


ACB आरोपी जगराम मीणा पहले भी दो बार अधिकारियों से ट्रैप होते-होते हुए बच गया था। एक बार एएसपी सुरेन्द्र पर कार्रवाई की तो जगराम झालावाड़ ही पैसे छोड़कर जयपुर आ गया। इसके बाद मामला ठंडा पड़ा तो फिर से पैसे लेकर आया, लेकिन कार बदलकर आया, इसलिए पकड़ने से बच गया। अब बुधवार रात को एसीबी हैड क्वार्टर ने तबादला कर दिया तो जगराम जल्दबाजी में जो पैसे रखे थे, उन्हें लेकर जयपुर रवाना हो गया। जबकि अभी तक वहां से रिलीव नहीं हुआ है। एसीबी की प्राथमिक जांच में सामने आया कि जब भी जगराम वसूली के पैसे लेकर आता तो खुद चलाकर निजी कार से आता, नहीं तो सरकारी गाड़ी से ड्राइवर के साथ आता था।

 

जगराम मीणा ने घर पर ही मिनी बार बना रख था। आरोपी महंगी शराब का शौकीन है। मालवीय नगर स्थित घर में शराब पीने के लिए अलग से कमरा बना रखा था। उस कमरे में एसीबी को अंग्रेजी शराब के अलग-अलग ब्रांड की 40 से 45 बोतलें मिली।

 

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