
राजस्थान सरकार लाएगी नया धर्मांतरण विरोधी कानून, सजा और जुर्माना होंगे और सख्त
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Shweta
- September 1, 2025
धर्मांतरण पर रोक के लिए कड़ा कानून
राजस्थान सरकार आगामी राजस्थान विधानसभा सत्र में एक और सख्त धर्मांतरण विरोधी बिल पेश करने जा रही है। इस विधेयक का नाम राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2025 होगा। इसका मुख्य उद्देश्य बलपूर्वक, छल या कपटपूर्ण तरीकों से किए जाने वाले अवैध धर्मांतरण को रोकना है। उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चंद बैरवा और विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि अब तक राज्य में अवैध धर्मांतरण से निपटने के लिए कोई विशेष धार्मिक कानून नहीं था। इसलिए नए मसौदे को तैयार किया गया है।
पुराने मसौदे को वापस लेकर नया विधेयक
पिछले सत्र में पेश किए गए विधेयक को सरकार वापस ले रही है। इसके स्थान पर अधिक कड़े प्रावधानों वाला नया राजस्थान धर्मांतरण कानून विधानसभा में लाया जाएगा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडलीय बैठक में इस नए मसौदे को मंजूरी दी गई। विधि मंत्री ने स्पष्ट किया कि नया धर्मांतरण विरोधी बिल किसी भी व्यक्ति या संगठन को बल, धोखे या छल से धर्मांतरण कराने से रोकेगा। इसके साथ ही केवल धर्मांतरण के उद्देश्य से किए गए विवाहों को अमान्य माना जाएगा।
सख्त सजा और जुर्माना
नए धार्मिक कानून में सजा और जुर्माने के प्रावधान बेहद सख्त किए गए हैं।
- सामान्य मामलों में 7 से 14 साल की सजा और न्यूनतम 5 लाख रुपये का जुर्माना।
- नाबालिग, महिला, विकलांग और अनुसूचित जाति/जनजाति से जुड़े मामलों में 10 से 20 साल की जेल और कम से कम 10 लाख रुपये जुर्माना।
- सामूहिक धर्मांतरण पर 20 साल से आजीवन कारावास और 25 लाख रुपये जुर्माना।
- विदेशी या अनधिकृत धन से किए गए धर्मांतरण में 10 से 20 साल की जेल और 20 लाख रुपये जुर्माना।
- जबरदस्ती या मानव तस्करी से जुड़े मामलों में 20 साल से आजीवन कारावास और 30 लाख रुपये जुर्माना।
- बार-बार उल्लंघन करने वालों को आजीवन कारावास और 50 लाख रुपये जुर्माना।
इसके अलावा अवैध धर्मांतरण में इस्तेमाल संपत्ति जब्त या ध्वस्त की जा सकती है और संबंधित संस्थानों का पंजीकरण रद्द किया जा सकेगा। यह नया राजस्थान धर्मांतरण कानून धार्मिक स्वतंत्रता की सुरक्षा के साथ अवैध गतिविधियों पर कड़ी रोक लगाने का प्रयास है।
सौर ऊर्जा में बड़ा कदम
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री सूर्य घर बिजली योजना को लागू करने का निर्णय भी लिया है। इस योजना के तहत मुख्यमंत्री मुफ्त बिजली योजना में पंजीकृत घरेलू उपभोक्ताओं को सौर ऊर्जा से हर माह 150 यूनिट मुफ्त बिजली मिलेगी। सरकार 27 लाख पंजीकृत परिवारों के लिए 1.1 किलोवाट क्षमता के रूफटॉप सोलर पैनल मुफ्त लगाएगी। केंद्र सरकार 33,000 रुपये और राज्य सरकार 17,000 रुपये की सब्सिडी देगी। इस योजना से लगभग 1.04 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे और 3,000 मेगावाट अतिरिक्त क्षमता तैयार होगी।
शिक्षा और शहरी सुधार
राज्य सरकार ने राजस्थान विधानसभा में शिक्षा और शहरी सुधारों पर भी ध्यान केंद्रित किया। राजस्थान कॉलेज शिक्षा समिति के तहत 374 महाविद्यालयों में 4,724 पदों पर भर्ती का फैसला लिया गया है। वहीं, सभी शहरी क्षेत्रों में व्यापक सीवरेज सिस्टम विकसित करने के लिए ‘सीवरेज और अपशिष्ट जल नीति, 2016’ में संशोधन को मंजूरी दी गई। यह संशोधन स्वच्छ भारत मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने में मदद करेगा और हर घर को सीवरेज प्रणाली से जोड़ेगा।
राजस्थान सरकार का नया धर्मांतरण विरोधी बिल धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा और अवैध धर्मांतरण पर रोक लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कठोर सजा और भारी जुर्माने के प्रावधानों के साथ यह राजस्थान धर्मांतरण कानून आने वाले समय में धार्मिक संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाएगा। इसके अलावा, सौर ऊर्जा, शिक्षा और शहरी सुधारों पर लिए गए निर्णय राज्य के विकास को गति देंगे। राजस्थान विधानसभा में यह बिल और सुधार राज्य की नीतियों को नई दिशा देंगे।
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Frequently Asked Questions
Q1. राजस्थान सरकार नया धर्मांतरण विरोधी कानून क्यों ला रही है?
Ans. अवैध, बलपूर्वक और धोखे से किए जा रहे धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए।
Q2. नया धर्मांतरण विरोधी बिल कहाँ पेश होगा?
Ans. यह बिल आगामी राजस्थान विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।
Q3. राजस्थान धर्मांतरण कानून में सजा का प्रावधान क्या है?
Ans. 7 साल से लेकर आजीवन कारावास और 5 लाख से 50 लाख रुपये तक जुर्माना।
Q4. अवैध धर्मांतरण के लिए इस्तेमाल संपत्ति का क्या होगा?
Ans. जांच के बाद ऐसी संपत्तियाँ जब्त या ध्वस्त की जा सकेंगी और संस्थानों का पंजीकरण रद्द होगा।
Q5. इस विधेयक में विवाह को लेकर क्या प्रावधान है?
Ans. केवल धर्मांतरण के उद्देश्य से किए गए विवाह को अमान्य माना जाएगा।
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